बेटे की याद क्यों सता रही मलाइका अरोड़ा को

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 31-08-2021
 मलाइका अरोड़ा
मलाइका अरोड़ा

 

आवाज द वाॅयस / मुंबई

लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप को निभाना आसान नहीं. इस स्थिति से उस मां से बेहतर कोई नहीं जानता, जिसका बच्चा उससे दूर दूसरे देश चला गया है. मलाइका अरोड़ा से पूछें, जिन्हें इनदिनों बेटे अरहान की बहुत याद आ रही है. उसने हाल में उच्च अध्ययन के लिए भारत छोड़ा है.

मलाईका अरोड़ा ने एक इंटरव्यू में बताया,‘‘यह उसके लिए नई शुरुआत है. नई दुनिया की उसकी यात्रा शुरू हो गई है - सब कुछ अकेले जीना और सब कुछ अपने दम पर करना है. यह मेरे लिए भी नया है, क्योंकि इतने सालों मैंने उसे हमेशा अपने आस-पास रखा.

अब मेरे आस-पास उसका न होना मुझे दुखी करता है. यह दिल दहलाने वाला है, लेकिन मुझे उस पर गर्व है. वह दुनिया और नई जिम्मेदारियों को निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है. वह अब एक वैध वयस्क लड़का है. जल्द ही एक आदमी होगा. मुझे जीवन में इस बदलाव के लिए तैयार रहना होगा.’’

2002 में मलाइका और उनके पूर्व पति अरबाज खान से पैदा हुए अरहान 17 अगस्त को शिक्षा के लिए विदेश गए हैं. मलाइका ने बेटे को विदाई देते हुए सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक नोट पोस्ट किया है.

उन्होंने लिखा,“जैसा कि हम दोनों एक नई और अज्ञात यात्रा पर निकलते हैं, जो घबराहट, भय, उत्तेजना, दूरी, नए अनुभवों से भरी होती है. मुझे बस इतना पता है कि मुझे आप पर गर्व है मेरे अरहान. यह आपके पंख फैलाने और उड़ने और ऊंची उड़ान भरने और अपने सभी सपनों को जीने का समय है.

वहीं वर्क फ्रंट की बात करें तो मलाइका इन दिनों एमटीवी ‘सुपरमॉडल ऑफ द ईयर एस02‘ की शूटिंग में बिजी हैं. शो का मुख्य उद्देश्य महत्वाकांक्षी मॉडलों को मॉडलिंग उद्योग के विभिन्न पहलुओं केलिए प्रशिक्षित करना है.

मलाइका के मुताबिक, ‘सुपरमॉडल ऑफ द ईयर एस02‘ ने मॉडलिंग से जुड़ी कई रूढ़ियों को तोड़ा है. उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि हमारी लड़कियां खुद को क्षमाप्रार्थी बनें. हम उन्हें एक ऐसा मंच देना चाहते हैं, जहां उनकी आवाज सुनी जा सके या जहां वे अपने विचार व्यक्त कर सकें.

हम केवल लड़कियों को सहज महसूस कराना चाहते हैं और उन्हें यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि मॉडलिंग सभी के लिए एक पेशा है. हम इस बात में विश्वास नहीं करते कि मॉडल लंबी या पतली होनी चाहिए. हम किसी तरह का पूर्वाग्रह नहीं रखना चाहते. इन सभी रूढ़ियों को तोड़ने का हमारा सचेत प्रयास है. दुनिया बदल रही है.इसलिए हमारी मानसिकता को भी बदलना जरूरी है.’’