आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता मनोज बाजपेयी ने कहा है कि कोरोना के वैश्विक प्रकोप ने बॉलीवुड में एक बड़ा बदलाव लाया है. अब हिंदी फिल्म उद्योग के सभी प्रतिभाशाली कलाकारों को समान अवसर मिल रहे हैं.
कई हिट फिल्मों में अभिनय कर चुके राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता ने जयपुर में चल रहे लिटरेचर फेस्टिवल से इतर बोलते हुए ये विचार व्यक्त किए. कहा कि इस वैश्विक महामारी ने एक बड़ी समानता पैदा की है.
उन्होंने कहा कि इससे पहले फिल्म के नायक को ही सम्मान दिया जाता था, अन्य अभिनेताओं के अलावा, फिल्म देखने वालों की नजर में, पोस्टरों पर या पुरस्कार समारोह के दौरान उन्हें द्वितीय श्रेणी के नागरिकों की तरह माना जाता था. सम्मान केवल उन्हें दिया जाता था, जो फिल्म के नायक होते थे. अब ऐसा नहीं है.
मनोज वाजपेयी ने कहा कि मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था, इसलिए मैं कभी भी मुंबई शिफ्ट नहीं होना चाहता था, क्योंकि मैं समझ गया था कि यह मुझे केवल एक खलनायक की भूमिका देगा.
उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में और खासकर वैश्विक महामारी के दौरान बहुत कुछ बदल गया है. अब बॉलीवुड में महिलाओं के बारे में बहुत सारी फिल्में बन रही हैं. स्थिति बहुत तेजी से बदल रही है. हालांकि कोरोना वायरस दुनिया में सबसे खराब है, लेकिन यह मनोरंजन उद्योग के लिए सबसे अच्छा साबित हुआ है.