मिर्जा गालिब से क्या रिश्ता था, नसीरुद्दीन शाह ने कराची लिटरेचर फेस्टिवल में बताया

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 09-03-2022
मिर्जा गालिब से क्या रिश्ता था, नसीरुद्दीन शाह ने कराची लिटरेचर फेस्टिवल में बताया
मिर्जा गालिब से क्या रिश्ता था, नसीरुद्दीन शाह ने कराची लिटरेचर फेस्टिवल में बताया

 

कराची. बॉलीवुड के प्रमुख अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के कराची लिटरेचर फेस्टिवल 2022में अचानक भाग लेने से उनके प्रशंसकों को आश्चर्य हुआ. नसीरुद्दीन शाह ने कराची लिटरेचर फेस्टिवल 2022 के एक लाइव सेशन में कमर्शियल समानांतर सिनेमा के प्रति अपने रुझान और हॉलीवुड फिल्मों से प्रभावित होने और मिर्जा गालिब के साथ अपने संबंधों के बारे में बात की.

वरिष्ठ अभिनेता का साक्षात्कार सत्र सभी के लिए एक आश्चर्य था, क्योंकि कार्यक्रम के विज्ञापन में इसका उल्लेख नहीं किया गया था.

उन्होंने व्यावसायिक सिनेमा में काम करने के बारे में कहा, ‘‘उन्होंने व्यावसायिक सिनेमा में काम किया, इस तथ्य के बावजूद कि वह नायक की तरह बिल्कुल नहीं दिखते.’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘और वह खुद को व्यावसायिक फिल्मों के लिए भी एक अच्छा विकल्प नहीं मानते हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि उनकी मां की प्रार्थनाओं ने उन्हें यहां तक पहुंचाया.’’

अभिनेता ने आगे कहा कि वह आभारी हैं कि लोगों ने केवल ‘मासूम’ और ‘मिर्जा गालिब’ जैसी फिल्मों में उनके काम को याद किया, न कि ‘सुनैयना’, ‘शायद’ और ‘ड्रीम’ जैसी परियोजनाओं में उनके अभिनय को.’’

उन्होंने कहा कि उन्होंने कई फिल्में बनाई हैं, जो शुक्र है कि किसी को याद नहीं है. उन्होंने खुलासा किया कि ‘‘उनका काम हॉलीवुड की फिल्मों से प्रभावित है, जो उन्हें एक बच्चे के रूप में देखने को मिली.’’

आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि वह ‘उड़न खटोला’ की तुलना ‘द विजार्ड ऑफ ओज’ से करेंगे और ‘आजाद’ की तुलना ‘द प्रिजनर ऑफ जेंडा’ जैसी फिल्म से करेंगे. उन्होंने कहा कि वह उस समय से हिंदी फिल्मों की समस्याओं को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं.

नसीरुद्दीन ने आगे कहा, ‘‘लेकिन वह यह भी जानते थे कि अगर उन्हें अभिनेता बनना है, तो उन्हें इसी तरह के मुद्दों से निपटना होगा.’’ उन्होंने कहा कि 70के दशक की शुरुआत में हिंदी सिनेमा में भी गंभीर फिल्में बन रही थीं और उनमें काम करने का तरीका खोजने का उनका एक मिशन था.

मिर्जा गालिब से अपने रिश्ते के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनके चाचा-चाची का घर उसी गली में था, जहां गालिब रहते थे.

 

उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमने हमेशा इस खूबसूरत हवेली को देखा, जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थी और सभी ने हमें बताया कि यहां मिर्जा गालिब नाम का एक शायर हुआ करता था.’’मिर्जा गालिब से क्या रिष्ता था, नसीरुद्दीन शाह ने कराची लिटरेचर फेस्टिवल में बताया

कराची. बॉलीवुड के प्रमुख अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के कराची लिटरेचर फेस्टिवल 2022में अचानक भाग लेने से उनके प्रशंसकों को आश्चर्य हुआ. नसीरुद्दीन शाह ने कराची लिटरेचर फेस्टिवल 2022के एक लाइव सेशन में कमर्शियल समानांतर सिनेमा के प्रति अपने रुझान और हॉलीवुड फिल्मों से प्रभावित होने और मिर्जा गालिब के साथ अपने संबंधों के बारे में बात की.

वरिष्ठ अभिनेता का साक्षात्कार सत्र सभी के लिए एक आश्चर्य था, क्योंकि कार्यक्रम के विज्ञापन में इसका उल्लेख नहीं किया गया था.

उन्होंने व्यावसायिक सिनेमा में काम करने के बारे में कहा, ‘‘उन्होंने व्यावसायिक सिनेमा में काम किया, इस तथ्य के बावजूद कि वह नायक की तरह बिल्कुल नहीं दिखते.’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘और वह खुद को व्यावसायिक फिल्मों के लिए भी एक अच्छा विकल्प नहीं मानते हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि उनकी मां की प्रार्थनाओं ने उन्हें यहां तक पहुंचाया.’’

अभिनेता ने आगे कहा कि वह आभारी हैं कि लोगों ने केवल ‘मासूम’ और ‘मिर्जा गालिब’ जैसी फिल्मों में उनके काम को याद किया, न कि ‘सुनैयना’, ‘शायद’ और ‘ड्रीम’ जैसी परियोजनाओं में उनके अभिनय को.’’

उन्होंने कहा कि उन्होंने कई फिल्में बनाई हैं, जो शुक्र है कि किसी को याद नहीं है. उन्होंने खुलासा किया कि ‘‘उनका काम हॉलीवुड की फिल्मों से प्रभावित है, जो उन्हें एक बच्चे के रूप में देखने को मिली.’’

आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि वह ‘उड़न खटोला’ की तुलना ‘द विजार्ड ऑफ ओज’ से करेंगे और ‘आजाद’ की तुलना ‘द प्रिजनर ऑफ जेंडा’ जैसी फिल्म से करेंगे. उन्होंने कहा कि वह उस समय से हिंदी फिल्मों की समस्याओं को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं.

नसीरुद्दीन ने आगे कहा, ‘‘लेकिन वह यह भी जानते थे कि अगर उन्हें अभिनेता बनना है, तो उन्हें इसी तरह के मुद्दों से निपटना होगा.’’ उन्होंने कहा कि 70के दशक की शुरुआत में हिंदी सिनेमा में भी गंभीर फिल्में बन रही थीं और उनमें काम करने का तरीका खोजने का उनका एक मिशन था.

मिर्जा गालिब से अपने रिश्ते के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनके चाचा-चाची का घर उसी गली में था, जहां गालिब रहते थे.

उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमने हमेशा इस खूबसूरत हवेली को देखा, जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थी और सभी ने हमें बताया कि यहां मिर्जा गालिब नाम का एक शायर हुआ करता था.’’