द कश्मीर फाइल्स विवाद: इजराइल के राजदूत ने IFFI के जूरी हेड को लताड़ा, अनुपम खेर ने भी किया पलटवार

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 29-11-2022
द कश्मीर फाइल्स विवाद: इजराइल के राजदूत ने IFFI के जूरी हेड को लताड़ा, अनुपम खेर ने भी किया पलटवार
द कश्मीर फाइल्स विवाद: इजराइल के राजदूत ने IFFI के जूरी हेड को लताड़ा, अनुपम खेर ने भी किया पलटवार

 

आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली

गोवा में आयोजित हुए 53वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (International Film Festival of India) के जूरी बोर्ड ने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म पर अपने प्रमुख नादव लापिड की की टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया. बोर्ड का कहना है कि यह टिप्पणियां पूरी तरह से नादव की निजी राय है. बोर्ड उनके निजी विचारों को सहमति नहीं देता है. इजरायली फिल्ममेकर नादव कहा था कि फेस्टिवल में ‘द कश्मीर फाइल्स’ की स्क्रीनिंग के दौरान जूरी ‘परेशान और स्तब्ध’ थी. उन्होंने फिल्म को अश्लील और अनुचित बताया था. इसके बाद से उनकी आलोचना न सिर्फ भारत में बल्कि इजरायल सरकार भी कर रही है. 

आपको शर्म आनी चाहिए- इजराइली राजदूत

भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने कश्मीर फाइल्स की आलोचना करने पर IFFI के जूरी हेड नदव लैपिड को ओपन लेटर लिखा है. उन्होंने कहा कि यह भारतीयों को समझ में आए, इसलिए मैं इसे हिब्रू भाषा में नहीं लिख रहा हूं. उन्होंने नदव लैपिड को लताड़ लगाते हुए कहा, आपको शर्म आनी चाहिए. भारतीय संस्कृति में मेहमान को भगवान कहा जाता है. आपने IFFI Goa में जजों के पैनल की अध्यक्षता करने के लिए भारतीय निमंत्रण के साथ-साथ उनके भरोसे, सम्मान और गर्मजोशी भरे स्वागत का सबसे खराब तरीके से दुरुपयोग किया है. हमारे भारतीय मित्रों ने भारत में इजराइल के प्रति प्रेम दिखाने के लिए हमें बुलाया था. शायद यही वह है कि उन्होंने आपको एक इजराइली और मुझे इजराइल के राजदूत के तौर पर आमंत्रित किया था. 

उन्होंने कहा कि हमने मंच से दोनों देशों के रिश्तों और समानता की बात की. मंच से भारत के मंत्री और मैंने कहा कि दोनों देशों में समानता है कि हम एक जैसे दुश्मन से लड़ते हैं और हमारे पड़ोसी बुरे हैं. 

बता दें, इफ्फी 2022 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए नादव लापिड ने कहा था, ‘‘हम सब ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म से परेशान और हैरान हैं. यह हमें एक दुष्प्रचार वाली और भद्दी फिल्म की तरह लगी जो इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के एक कलात्मक और प्रतिस्पर्धी खंड के लिए अनुपयुक्त थी.”

नादव ने इस बात पर दिया जोर

नादव लापिड ने आगे कहा था, “ मैं इस भावना को आपके साथ खुले तौर पर साझा करने में सहज महसूस कर रहा हूं क्योंकि महोत्सव की भावना वास्तव में आलोचनात्मक चर्चा को स्वीकार कर सकती है जो कला और जीवन के लिए जरूरी है.”

नादव लैपिड की इस टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वहीं, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय के एक संवेदनशील मुद्दे को प्रचार की वेदी पर बलिदान कर दिया गया. हालांकि मिडवेस्ट इंडिया के इज़राइल के कॉन्सुलेट जनरल (Consulate General) कोब्बी शोशानी ने कहा कि लैपिड की तुलना में उनकी राय अलग है. उन्होंने ट्वीट किया कि मैंने कश्मीर फाइल्स देखी और कलाकारों से मुलाकात की. मेरी राय नदव लैपिड से अलग है. इतना ही नहीं, उनके भाषण के बाद मैंने नादव को अपनी राय बताई थी.

अनुपम खेर ने भी किया पलटवार

फिल्म में नायक की भूमिका निभाने वाले अभिनेता अनुपम खेर ने फिल्म समारोह में 'द कश्मीर फाइल्स' की आलोचना को "पूर्व नियोजित" कहा और लैपिड पर कश्मीरी पंडितों की पीड़ा के प्रति असंवेदनशील होने का आरोप लगाया. खेर ने कहा, "यह पूर्व नियोजित लगता है क्योंकि उनकी टिप्पणी के तुरंत बाद टूलकिट गिरोह सक्रिय हो गया."

उन्होंने कहा कि यह (यहूदी) समुदाय के एक व्यक्ति के लिए शर्मनाक है जिसने कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित फिल्म पर इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए प्रलय की भयावहता का सामना किया. अभिनेता ने कहा, "भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें. अगर प्रलय सही है तो कश्मीरी पंडितों का पलायन भी सही है."

कौन हैं नादव लापिड?

नादव एक इज़रायली स्क्रीनराइटर और फिल्म डायरेक्टर हैं. उन्होंने तेल अवीव यूनिवर्सिटी से फिलासिफी की पढ़ाई की है और तेल अवीव में ही रहते हैं. एक जानकारी के मुताबिक नादव लापिड इजरायली फौज में भी रह चुके हैं. फौज के बाद उन्होंने सैम स्पीगल फिल्म एंड टेलीविजन स्कूल से डिग्री ली. नादव ने ज्यादातर शॉर्ट फिल्में और डॉक्यूमेंट्रीज पर ही काम किया है. उनकी कई फिल्मों ने बड़े अवॉर्ड जीते हैं. 

एक्टर दर्शन कुमार का बयान

इसके बयान के बाद ही फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा. जिसके बाद फिल्म के मेकर्स और कलाकारों का एक-एक करके बयान सामने आ रहा है. इतना ही नहीं एक्टर दर्शन कुमार ने भी इस बयान की आलोचना करते हुए कहा है कि इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता कि 'द कश्मीर फाइल्स' ऐसी फिल्म है जो एक समुदार कश्मीरी पंडितो की दुर्दशा को दिखाती है.

'यह 7 लाख कश्मीरी पंडितों का अपमान'

फिल्म मेकर अशोक पंडित ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से नदव लैपिड को IFFI जूरी का हेड बनाना ही सबसे बड़ी चूक थी. इसलिए मिनिस्ट्री में जो इस गुनाह के जिम्मेदार हैं, उनपर एक्शन होना चााहिए. फिलिस्तीन के हमदर्द से कोई क्या उम्मीद कर सकता है? अशोक पंडित ने दूसरे ट्वीट में कहा कि इजरायली फिल्म मेकर नादव लैपिड ने कश्मीर फाइल्स को वल्गर फिल्म बताकर आतंकियों के खिलाफ भारत की लड़ाई का मजाक उड़ाया है. उन्होंने बीजेपी की सरकार के नीचे 7 लाख कश्मीरी पंडितों का अपमान किया है. यह IFFIGoa2022 की विश्वसनीयता के लिए एक बड़ा झटका है. 

बता दें कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) को विवेक अग्निहोत्री ने डायरेक्ट किया था और इसे लिखा भी उन्होंने ही था. फिल्म की कहानी 90 के दशक में कश्मरी घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन और उग्रवाद के चरम पर आधारित है. फिल्म ने भारतीय बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई थी. ये कमाई उस वक्त ही जब लोग लॉकडाउन पॉलिसी लागू होने की वजह से सिनेमाघरों में जाने से परहेज कर रहे थे.

‘द कश्मीर फाइल्स’ 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. यह इफ्फी के ‘इंडियन पनोरमा सेक्शन’ का हिस्सा थी और इसका 22 नवंबर को इसकी स्क्रीनिंग हुई थी. इसमें अभिनेता अनुपम खेर, दर्शन कुमार, मिथुन चक्रवर्ती और पल्लवी जोशी समेत अन्य प्रमुख किरदारों में हैं.