शाहरुख खान की वह फिल्म जिसे कोई खरीदने को तैयार नहीं था

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 08-07-2021
शाहरुख खान की वह फिल्म जिसे कोई खरीदने को तैयार नहीं था
शाहरुख खान की वह फिल्म जिसे कोई खरीदने को तैयार नहीं था

 

सुफियान खान

उन्हें हैरानी हुई कि उनकी फिल्म के हीरो शाहरुख खान उस समय प्रसिद्धि और सफलता की राह पर निरंतर बढ़ रहे थे. इसके बावजूद उनकी फिल्म यूं ही पड़ी थीं. कोई खरीदार नहीं था.
1991 में जब कुंदन शाह ने शाहरुख खान को फिल्म के लिए चुना, तब वह ‘राजू बन गया जेंटलमैन‘ और ‘दीवाना‘ में काम कर रहे थे.

शाहरुख खान की कोई फिल्म रिलीज नहीं हुई थी. इसलिए कुंदन शाह को पारंपरिक नायकों के नखरे नहीं उठाने पड़े. फिल्म का बजट लगभग 14 करोड़ रुपये था. इसका मतलब है कि यह कम बजट की फिल्म थी.

इसमें कोई स्टार कास्ट नहीं था. शाहरुख खान के अलावा फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, सुचित्रा कृष्णमूर्ति, दीपक तिजोरी और ‘लगान‘ के निर्देशक आशुतोष गोवारिकर थे. उस समय वह अभिनय में अपना करियर तलाश रहे थे. शाहरुख खान को केवल 25,000 रुपये में साइन किया गया था. फिल्म समय पर पूरी भी हो गई.

अगले दो सालों में जब शाहरुख खान की पहली फिल्म ‘दीवाना‘ रिलीज हुई, तो उसने सिनेमाघरों में हलचल मचा दी. ‘पागल‘, ‘चमत्कार‘, ‘राजू बन गया जेंटलमैन‘, ‘दिल आशना है‘, ‘बाजीगर‘ और ‘डर‘. इसके बाद भारतीय फिल्मों को एक नया सुपरस्टार मिल गया.

जब कुंदन शाह ने शाहरुख खान की इस सफलता को देखा तो उन्हें अपार खुशी हुई. उनका नायक फिल्मी क्षितिज पर चमकता सितारा बन चुका था, लेकिन भाग्य की देवी उनपर और उनकी फिल्म ‘कभी हां कभी न‘ पर मेहरबान नहीं थी.

कई फिल्म निर्माता जहां शाहरुख खान को ‘हॉट केक‘ मान रहे थे, लेकिन इतनी सफलता और उपलब्धियों के बावजूद वितरक ‘कभी हां कभी ना‘ को खरीदने और इसे सिनेमाघरों में लगाने को तैयार नहीं थे.

सदाबहार कॉमेडी फिल्म ‘जाने भी दो यारो‘ के निर्देशक कुंदन शाह के लिए यह स्थिति बेहद निराशाजनक थी. फिल्म को पूरा हुए ढाई साल बीत चुके थे. कभी-कभी वह यह सोचकर हैरान रह जाते कि क्या उनकी फिल्म हमेशा के लिए बंद हो जाएगी ?

‘कभी हां कभी ना‘ की कहानी एक असफल प्रेमी की थी जो अपनी प्रेमिका के सामने अपने दिल का हाल नहीं बता पाता. शाहरुख खान भले ही फिल्म के हीरो थे, लेकिन हीरोइन के दिल में अपने प्यार का दीया नहीं जला सकते थे.

पूरी फिल्म में प्रतिस्पर्धा की आग में वह दीपक तिजोरी को सुमित्रा कृष्ण मूर्ति को प्राप्त करने के रास्ते में बाधाएं पैदा करते रहे . फिल्म के क्लाइमेक्स में उन्होंने अपने जूतों के नीचे ‘अंगूठी‘ छिपाने की कोशिश की ताकि हीरोइन सुचित्रा कृष्णमूर्ति की शादी साइड हीरो दीपक के साथ न होने पाए .

शाहरुख खान ने ‘बाजीगर‘ और ‘डर‘ में कुछ इसी तरह की भूमिकाएं की थीं, लेकिन कुंदन शाह को यकीन था कि इन दोनों फिल्मों के विपरीत, शाहरुख खान ‘कभी हां कभी ना‘ में रिकार्ड तोड़ेंगेे.

प्रेमी की भूमिका हमेशा अच्छा रहता है. दिलचस्प बात यह है कि कुंदन शाह ने इस फिल्म के तीन अलग-अलग क्लाइमेक्स शूट किए थे. फिर आपसी सहमति से वही क्लाइमेक्स फाइनल किया, जिस फिल्म में दिखाया गया था.

कुंदन शाह ने वितरक खोजने के लिए ‘कभी हां कभी ना‘ का विज्ञापन भी दिया. मगर प्रयास सफल नहीं रहा. वहीं शाहरुख खान दो-तीन फिल्मों की अपार सफलता के बावजूद ‘कभी हां कभी ना कभी नहीं भूले.

वह भी बेसब्री से इंतजार करते रहे कि कुंदन शाह कब अपनी फिल्म को पर्दे की शोभा बढ़ाएंगे. जब उन्हें यह पता चला कि कुंदन शाह को ‘कभी हां कभी न‘ के लिए कोई वितरक नहीं मिल रहा है, तो उन्होंने कहा कि इस बिंदु पर, अपने रिश्ते का इस्तेमाल करते हैं.

शाहरुख खान ने संगीत कंपनी वेनिस के विजय गिलानी से संपर्क किया. उन्हें बॉम्बे में रिलीज के लिए राजी किया. विजय गिलानी को कोई आपत्ति नहीं थी, क्योंकि उन्हें पता था कि शाहरुख खान का जादू इस समय हर जगह चल रहा है. ‘‘कभी हां, कभी ना‘‘ उनके लिए अच्छी रहेगी.

जब कुंदन शाह को पता चला कि उनकी फिल्म ‘कभी हां कभी ना‘ रिलीज होने जा रही है तो उन्होंने राहत की सांस ली. फिर वह दिन आया जब फिल्म 25 फरवरी को रिलीज हुई. इसके लिए घोषणा की गई कि शाहरुख खान बॉम्बे के एक सिनेमाघर में मूवी टिकट पर ऑटोग्राफ देंगे. खास बात यह है कि शाहरुख खान की एक झलक पाने के लिए सिनेमा घरों में फैंस का हुजूम उमड़ पड़ा.

कुछ ही दिनों में यह फिल्म इतनी लोकप्रिय हो गई कि अन्य भारतीय शहरों के वितरकों को इसे खरीदने और अपने सिनेमाघरों में लगाने को मजबूर होना पड़ा. अब हर तरफ ‘कभी हां कभी ना‘ का डंका बज रहा था. जतिन ललित ने ऐसे गीतों की रचना की कि फिल्म के साथ दर्शक गाने के भी दीवाने हो गए.