आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
दिसंबर 2025 ने वैश्विक मीडिया उद्योग को हिला देने वाली एक ऐसी घटना को जन्म दिया, जिसने न सिर्फ हॉलीवुड की दिशा बदल दी बल्कि व्हाइट हाउस तक राजनीतिक हलचल पैदा कर दी। दुनिया की सबसे बड़ी स्ट्रीमिंग कंपनी नेटफ्लिक्स ने लगभग 82.7 अरब डॉलर में हॉलीवुड के दिग्गज वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी को खरीदने का करार कर लिया, लेकिन यह जीत किसी साधारण बोली का परिणाम नहीं थी।
यह महीनों तक चली गुप्त रणनीति, अरबों डॉलर की जंग, राजनीतिक जोड़-तोड़ और प्रतिद्वंद्वियों पैरामाउंट तथा कॉमकास्ट के बीच तेज होती प्रतिस्पर्धा का अद्भुत मिश्रण थी। कहानी की सबसे दिलचस्प कड़ी तब जुड़ी, जब नेटफ्लिक्स के सह-CEO टेड सरैंडोस ने नवंबर 2025 में व्हाइट हाउस पहुंचकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की।
यह एक घंटे से अधिक चली मीटिंग वॉर्नर ब्रदर्स की बोली को लेकर बेहद महत्वपूर्ण थी। मुलाकात में ट्रंप ने साफ कहा कि वॉर्नर ब्रदर्स को सबसे अधिक बोली लगाने वाले को बेचा जाना चाहिए। सरैंडोस ने जोर देकर समझाया कि नेटफ्लिक्स कोई सर्वशक्तिमान मीडिया दिग्गज नहीं है; उसके पास न केबल चैनल हैं, न प्रसारण नेटवर्क, और टीवी वितरण के हिसाब से वह पांचवें या छठे स्थान पर आता है। उन्होंने तर्क दिया कि वॉर्नर ब्रदर्स को खरीद लेने के बावजूद कंपनी का आकार यूट्यूब के अमेरिकी बाजार हिस्से के बराबर ही होगा।
इस बातचीत से सरैंडोस को यह संकेत मिला कि व्हाइट हाउस की ओर से नेटफ्लिक्स को फिलहाल कोई सीधी बाधा नहीं झेलनी पड़ेगी, जबकि पैरामाउंट लगातार दावा कर रहा था कि ट्रंप प्रशासन में उसकी मजबूत राजनीतिक पैठ है और वही सौदा मंजूर करवा सकता है।
दूसरी ओर बोली की जंग तेज हो चुकी थी। 1 दिसंबर को नेटफ्लिक्स ने 27 डॉलर प्रति शेयर की बोली लगाई, जो सबसे ऊंची थी, और सौदा टूट जाने की स्थिति में 5.8 अरब डॉलर की रिकॉर्डतोड़ ब्रेकअप फीस देने की भी गारंटी दी। पैरामाउंट बार-बार बोली बढ़ाता रहा, यह तर्क देता हुआ कि वॉर्नर ब्रदर्स और पैरामाउंट का विलय स्ट्रीमिंग उद्योग में प्रतिस्पर्धा को मजबूत करेगा। लेकिन वॉर्नर ब्रदर्स प्रबंधन को पैरामाउंट की वित्तीय संरचना, विशेषकर विदेशी फंडिंग से जुड़ी संभावित सुरक्षा जांचों को लेकर चिंता थी। नेटफ्लिक्स की पेशकश अधिक स्थिर, अधिक पारदर्शी और अधिक वित्तीय रूप से व्यवहार्य लग रही थी।
कई दौर की बातचीत और पुनर्विचार के बाद, 4 दिसंबर की रात वॉर्नर ब्रदर्स ने नेटफ्लिक्स को विजेता घोषित कर दिया। नेटफ्लिक्स को वॉर्नर ब्रदर्स के प्रतिष्ठित स्टूडियो, HBO जैसे विश्वप्रसिद्ध ब्रांड और विशाल कंटेंट लाइब्रेरी का नियंत्रण मिलेगा, जबकि CNN और अन्य केबल नेटवर्क अलग किए जाएंगे। इस अधिग्रहण के बाद नेटफ्लिक्स दुनिया की सबसे ताकतवर कंटेंट कंपनियों में से एक बन जाएगी, जिसके पास हैरी पॉटर, लॉर्ड ऑफ द रिंग्स, डीसी के सभी सुपरहीरो, बार्बी और सैकड़ों ब्लॉकबस्टर फिल्मों का स्वामित्व होगा।
हालांकि इस जीत के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ भी तेज हो गईं। केनेडी सेंटर कार्यक्रम में पहुंचते ही ट्रंप ने प्रेस से कहा कि नेटफ्लिक्स पहले से ही बहुत बड़ा खिलाड़ी है, और “मार्केट शेयर का मुद्दा समस्या बन सकता है।” उन्होंने जोड़ा कि वे इस फैसले में शामिल रहेंगे। इसके बावजूद ट्रंप ने सरैंडोस की जमकर तारीफ की और कहा कि “उन्होंने मनोरंजन इतिहास का सबसे शानदार काम किया है।”
पैरामाउंट इस नतीजे से बेहद नाराज़ है। वह इस सौदे को “अनुचित प्रक्रिया” बता रहा है और दावा कर रहा है कि नेटफ्लिक्स की बोली कभी मंजूर नहीं होगी। हॉलीवुड के कई गिल्ड्स ने भी आपत्ति जताई है कि इस सौदे से प्रतिस्पर्धा घटेगी और रोज़गार पर असर पड़ेगा। वहीं नेटफ्लिक्स का कहना है कि वह वॉर्नर ब्रदर्स की रचनात्मक विरासत को न केवल सुरक्षित रखेगा बल्कि वैश्विक स्तर पर उसे कई गुना विस्तार देगा।
सूत्र बताते हैं कि नेटफ्लिक्स वर्षों से किसी बड़े स्टूडियो का अधिग्रहण करने की संभावना तलाश रहा था—चाहे वह EA हो, फॉक्स हो या डिज़्नी—लेकिन हर बार कंपनी अंतिम क्षणों में पीछे हट जाती थी। इस बार वॉर्नर ब्रदर्स का विशाल कैटलॉग, HBO की प्रतिष्ठा और नेटफ्लिक्स की वैश्विक पहुंच, एक ऐसा मेल बना जो नेटफ्लिक्स को भविष्य के कंटेंट युद्ध में लगभग अजेय बढ़त दे सकता है।
हालांकि यह सौदा अभी पूरी तरह पूरा नहीं हुआ है। एंटीट्रस्ट एजेंसियाँ और अमेरिकी न्याय विभाग इसकी गहन जांच करेंगे। ट्रंप के बयान साफ संकेत हैं कि प्रक्रिया लंबी, जटिल और राजनीतिक रूप से संवेदनशील होगी। फिर भी, इस समय नेटफ्लिक्स ने हॉलीवुड के इतिहास की सबसे बड़ी बोली जीतकर यह साफ कर दिया है कि स्ट्रीमिंग युग में असली शक्ति किसके हाथ में है और आने वाले वर्षों में मनोरंजन उद्योग की दिशा कौन तय करेगा।