भारत के प्रसिद्ध गायक मोहम्मद वकील बर्मिंघम में भारतीय दूतावास में सम्मानित

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 14-06-2023
भारत के प्रसिद्ध गायक मोहम्मद वकील को बर्मिंघम में भारतीय दूतावास में सम्मानित किया गया
भारत के प्रसिद्ध गायक मोहम्मद वकील को बर्मिंघम में भारतीय दूतावास में सम्मानित किया गया

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली 

भारत के प्रसिद्ध गजल और पार्श्व गायक मोहम्मद वकील को बर्मिंघम में भारतीय दूतावास में सम्मानित किया गया. गायक मोहम्मद वकील ने यहां अपनी गायकी का हुनर बिखेरा जिसके बाद दर्शकों से स्टैंडिंग ओवेशन मिला. गायक मोहम्मद वकील ने यहां भारत को प्रदर्शित किया जिसपर उनको गर्व है. उन्होनें अपने देश का प्रतिनिधित्व किया. जिसकी उन्हें बेइंतहा खुशी है. 
 
यह कार्यक्रम आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जी 20 को केंद्र में रखते हुए आयोजित किया गया था. बर्मिंघम में भारतीय दूतावास में गायक मोहम्मद वकील ने गणेश वंदना, देश भक्ति गीत, ग़ज़ल, फेमस गण केसरिया बालम और सूफी गीत गाए और लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.   
 
 
 
गायक मोहम्मद वकील को भारतीय होने पर गर्व है. गायक मोहम्मद वकील ने कहा कि मुझे यह सुनहरा अवसर देने के लिए मैं भारत के महावाणिज्यदूत, बर्मिंघम, डॉ. शशांक विक्रम जी का बहुत आभारी हूं. कृपया अपना प्यार और समर्थन देना जारी रखें. 
 
 
 
पुरस्कार मिलने के बाद वकील ने इस पल को यादगार बताया. उन्होंने कहा- मैं भारत की ओर से यह पुरस्कार प्राप्त कर रहा हूं. मुझे भारतीय होने पर गर्व है. मैं बहुत ही खुशनसीब हूं कि मेरी पैदाइश भारत में हुई और मुझे संगीत विरासत में मिला है और मेरा पूरा वातावरण जयपुर घराने में संगीत की तालीम से भरा पूरा रहा है.
 
बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान और प्रीति जिंटा की रोमांटिक ड्रामा फिल्म 'वीर जारा' में भारत के प्रसिद्ध गजल और पार्श्व गायक मोहम्मद वकील ने प्लेबैक सिंगिंग भी की है. वकील ज्यादातर सूफीयाना गायकी भी करते हैं. भारत के प्रसिद्ध गजल और पार्श्व गायक मोहम्मद वकील के गुरु पद्मश्री उस्ताद अहमद हुसैन, उस्ताद मोहम्मद हुसैन साहब हैं.
 
ग़ज़लों का गुलदस्ता भी पेश किया जिसमें  मोहोबतें अंजाम पे रोना आया, कसक, कह दो - कह दो, खुदा करें की वो मेरा नसीब हो जाए शामिल थीं और लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
 
गजल गायकी का गुलदस्ता पेश करते हुए मोहम्मद वकील को अत्यधिक प्रसिद्ध गजलें जैसे ‘ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पर रोना आया‘ (बेगम अख्तर), ‘रंजिश ही सही‘ (मेहदी हसन), ‘आज जाने की जिद ना करो‘ (फरीदा खानम), सरकती जाए है रूख से नकाब आहिस्ता आहिस्ता (जगजीत सिंह), हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरहा (गुलाम अली) और स्वयं द्वारा गायी गई गजल ‘ये कसक दिल की दिल में चुभी रह गई‘ बेहद पसंद हैं. गजल गायकी मोहम्मद वकील जयपुरवासियों ही नहीं पुरे विश्व में सभी के दिलों में ऐसी मिठास घोलते हैं कि सभी मंत्र मुग्ध हो उठते हैं.