इस्लाम को नहीं मानती, भगवद् गीता पढ़ रही आजकल, मुस्लिम लड़के से कभी शादी नहीं करूंगीः उर्फी जावेद

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 24-12-2021
उर्फी जावेद
उर्फी जावेद

 

मुंबई. ‘बिग बॉस ओटीटी’ में नजर आ चुकीं उर्फी जावेद इन दिनों अपने बोल्ड और असामान्य ड्रेसिंग सेंस को लेकर सुर्खियां बटोर रही हैं. आए दिन वह अपनी बोल्ड ड्रेसेस को लेकर ट्रोलर्स के निशाने पर आ जाती हैं. इस समय उर्फी अपने एक इंटरव्यू को लेकर चर्चा में हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि वह इस्लाम को नहीं मानती हैं और इसलिए वह किसी मुस्लिम लड़के से शादी नहीं करेंगी.

‘इंडिया टुडे’ से एक्सक्लूसिव बातचीत में उर्फी जावेद ने अपनी पर्सनल लाइफ, कपड़ों और शादी को लेकर ट्रोलिंग के बारे में बात की.

उर्फी ने बताया कि वह एक रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार से आती है, लेकिन फिर भी वह किसी मुस्लिम लड़के से शादी नहीं करेगी. वह वर्तमान में भगवद गीता पढ़ रही है.

धर्म किसी पर थोपा न जाए

उर्फी जावेद ने कहा, ‘मेरे पिता बहुत रूढ़िवादी थे. जब मैं 17साल की थी, तब उन्होंने मुझे और मेरी मां को छोड़ दिया. मेरी मां बहुत धार्मिक हैं, लेकिन उन्होंने कभी हम पर धर्म नहीं थोपा. यह होना चाहिए. आपको अपनी पत्नी और बच्चों पर धर्म नहीं थोपना चाहिए. दिल से आना चाहिए, नहीं तो न तुम सुखी रह पाओगे और न ही अल्लाह खुश होगा.’

भागवत गीता पढ़ रहीं आजकल

उर्फी जावेद ने आगे बताया कि वह इस समय भागवत गीता पढ़ रही हैं. उर्फी ने कहा कि वह हिंदू धर्म के बारे में और जानना चाहती हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे इसके तार्किक हिस्से में ज्यादा दिलचस्पी है. मैं इसकी अच्छी चीजों को अपनाना चाहता हूं.’

जब उर्फी से पूछा गया कि अगर उसे अपने समुदाय के बाहर किसी से प्यार हो गया, तो क्या वह उससे शादी करेगी? इसके जवाब में उर्फी ने कहा, ‘मैं कभी मुस्लिम लड़के से शादी नहीं करूंगी. मैं इस्लाम को नहीं मानती और न ही मैं किसी धर्म को मानती हूं. इसलिए मुझे परवाह नहीं है कि मैं किससे प्यार करती हूं. हमें बस उसी से शादी करनी चाहिए, जिससे हम प्यार करते हैं.

ड्रेस विवाद पर बोलीं उर्फी

ड्रेस को लेकर मिले नेगेटिव कमेंट्स पर उर्फी जावेद ने कहा, ‘मैं एक मुस्लिम लड़की हूं. ज्यादातर नफरत भरे कमेंट ऐसे लोगों की ओर से आते हैं, जो मुस्लिम हैं. उनका कहना है कि मैं इस्लाम की छवि खराब कर रही हूं. वे मुझसे नफरत करते हैं, क्योंकि मुसलमान चाहते हैं कि उनके घर की महिलाएं एक निश्चित तरीके से व्यवहार करें. वे अपने समुदाय की हर महिला पर शासन करना चाहते हैं. इसलिए मैं इस्लाम को नहीं मानती. वे मुझे इसलिए ट्रोल करते हैं, क्योंकि मैं उनके जैसा व्यवहार नहीं करती या उनके धर्म के अनुसार जैसा वे चाहते हैं, वैसा व्यवहार नहीं करती.