ओनिका माहेश्वरी / नई दिल्ली
दिया में दिया जैसी रोशनी भी है और मिर्जा में मिर्जा गालिब का एहसास भी है. आज जश्न-ए-रेख्ता में दिया मिर्जा पधारीं और इस सेशन में उनके संग आतिका फारूकी ने बात शुरू की, उनकी फिल्मी दुनिया की और उनकी लिखावट की.
इसमें कोई शक नहीं की दिया मिर्जा खूब लिखती और पढ़ती हैं, जिसका उदाहरण है - जी5 की ओटीटी सीरीज औरत और काफिर, जिसकी कविता भी यहां पढ़ी गई.
दिया मिर्जा सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल के खिलाफ भी काम कर रही हैं.
अच्छी सूरत भी बुरी चीज है
जिसने भी डाली नजर, बुरी ही डाली
अपने सौंदर्य का राज बताते हुए उन्होंने कहा कि सुंदर वो है, जो सुंदर कार्य करें, बाकी सब किसी काम का नहीं. दिया मिर्जा ने बताया कि जावेद अखतर, जोया अख्तर और शबाना आजमी जैसी हस्तियां उनकी इंस्पिरेशन हैं.
अंत में उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि जिस तरह हर बच्चा बेखौफ होकर जन्म लेता है, उसी प्रकार उसी जीना चाहिए. उनके हाथ पर एक टैटू भी है, जो हिंदी में लिखा है और उर्दू में लिखा जैसा दिखता है, वो शब्द है ‘आजाद’.