क्या श्री ‘ एम’ होंगे मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के अगले चांसलर ?

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 24-01-2022
क्या मिस्तर ‘ एम’ होंगे मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के अगले चांसलर  ?
क्या मिस्तर ‘ एम’ होंगे मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के अगले चांसलर ?

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
 
यह लगभग तय है. मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के नए कुलपति के नाम को अंतिम रूप दे दिया गया है. वह मिस्टर ‘एम’ के नाम से जाने जाते हैं. मिस्टर एम यानी मधुकर्णनाथ  बताते हैं कि उनका जन्म केरल में मुमताज अली खान के रूप में हुआ हुआ था.
 
कथित तौर पर मानव संसाधन मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर पिछले महीने उनके मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के चांसलर होने का ऐलान किया है.
 
मगर इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. वैसे, कहा जा रहा है कि इस संबंध में एक औपचारिक ‘अधिसूचना‘ जल्द जारी की जाएगी. इस अधिसूचना में उनका वास्तविक नाम भी होगा. यानी मुधकर्णनाथ या मुमताज अली खान.
 
बता दें कि मौजूदा चांसलर फिरोज बख्त अहमद का कार्यकाल कुछ महीने पहले खत्म हो चुका है. सूत्रों मुताबिक, मधुकर्णनाथ एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता, शिक्षाविद और लेखक हैं. उनका कुलाधिपति का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा. मधुकर्णनाथ की नियुक्ति का एक कथित पत्र इंटरनेट पर वायरल हो रहा है.
 
हालांकि, मंत्रालय की ओर से आधिकारिक पुष्टि या घोषणा होनी बाकी है. विश्वविद्यालय के कर्मचारी ऐसे तथाकथित समाचारों को लेकर बेचैनी महसूस कर रहे हैं. दरअसल, इस तरह की जानकारी यूनिवर्सिटी के टीचर्स एसोसिएशन की वेबसाइट पर शेयर की गई है.
 
वेबसाइट के अनुसार, मधुकर्णनाथ, ने सत्संग फाउंडेशन की स्थापना की है. उनका जन्म तिरुवन्नाथपुरम में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. उन पर सूफी संतों का असर है. कई इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उनका जन्म मुमताज अली खान के रूप में हुआ था. एक साक्षात्कार में, उन्होंने बताया कि उन्होंने किसी धर्म को नहीं अपनाया. वह कहते हैं, किसी व्यक्ति की ‘बाहरी उपस्थिति‘ कोई मायने नहीं रखती. मायने रखती है वह उसकी ‘‘आंतरिक दिशा.‘‘
 
मधुकर्णनाथ कई पुस्तकों के  लेखक हैं. उन्होंने योग, उपनिषद और ध्यान पर कई किताबें लिखी हैं. फिक्शन की भी एक किताब लिखी है. उनकी बातें अध्यात्म और भाईचारे के इर्द-गिर्द घूमती हैं.
 
उन्होंने मानव एकता मिशन की शुरुआत की जो अंतरधार्मिक सद्भाव और ‘मानवता की एकता‘ पर जोर देता है. 2015 में, उन्होंने मानव एकता मिशन के एक अभियान के तहत 7,500 किमी से अधिक की पदयात्रा द वॉक ऑफ होप की थी, जिसका समापन कश्मीर में हुई.
 
पिछले साल, मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय ने अपने 5 वें चांसलर फिरोज बख्त अहमद और तत्कालीन कुलपति (वीसी) मोहम्मद असलम परवेज के बीच रस्साकशी देखी है. तत्कालीन वीसी पर भ्रष्टाचार और कथित रूप से कुछ अनियमितताओं में शामिल होने के आरोप लगे थे, जिसे बाद में खारिज कर दिया गया. 
 
पूर्व चांसलर, जो कभी खुद को ‘‘चैकीदार चांसलर‘‘ बताते थे, किसानों आंदोलन के मुखर आलोचक रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर इसपर अपना समर्थन व्यक्त किया था और किसानों को बर्बर और देशद्रोही बताया था.
 
वर्तमान में, अहमद ने उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और योगी आदित्यनाथ सरकार के समर्थन का ऐलान किया है. इस राज्य में अगले महीने चुनाव होने वाले हैं.