आवाज-द वॉयस / हैदराबाद
मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद ने देश की आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ के तहत ‘सूर्य नमस्कार’ का आयोजन किया. विश्वविद्यालय के मंसूर अली खान इंडोर स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में कोरोना वायरस सावधानियों के साथ राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) से जुड़े सीमित संख्या में छात्रों ने भाग लिया.
इस अवसर पर शेख-उल-जामिया के प्रोफेसर सैयद ऐन-उल-हसन ने कहा कि यह दिन में शारीरिक व्यायाम करने के लिए है, जिसमें ज्यादा मेहनत नहीं लगती. उन्होंने कहा, ‘सरकार का लक्ष्य हमें शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है.’
समारोह का संचालन प्रो. मुहम्मद फरयाद, एनसीसी समन्वयक और अध्यक्ष, सार्वजनिक परिवहन और पत्रकारिता विभाग द्वारा किया गया था. कार्यक्रम में डॉ. मुहम्मद युसूफ खान, प्राचार्य, यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक हैदराबाद, डॉ. ए. कलीमुल्लाह, उप निदेशक, शारीरिक स्वास्थ्य एवं खेल निदेशालय और अन्य शिक्षक भी उपस्थित थे. फातिमा तबस्सुम, सहायक प्रोफेसर, शिक्षा और प्रशिक्षण विभाग, ने ‘सूर्य नमस्कार योग’ कार्यक्रम का नेतृत्व किया और छात्रों को प्रत्येक आसन पर जानकारी दी.
प्रो. ऐन-उल-हसन ने पर्यावरण और स्वास्थ्य की सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि जब तक हम खुद को नहीं समझेंगे, तब तक हम पर्यावरण को नहीं समझ पाएंगे. उन्होंने कहा कि सभी पवित्र पुस्तकों में लिखा है कि हमें अपने आप को अपने पर्यावरण से अलग नहीं समझना चाहिए और दोनों (पर्यावरण और स्वास्थ्य) को महत्व देना चाहिए. शेख जामिया ने विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहने वाले छात्रों से नए प्रकार के कोरोना वायरस, एमेक्रॉन के प्रसार को देखते हुए बेहद सावधान रहने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा ‘हमने बहुत विचार-विमर्श के बाद इस परिसर को छात्रों के लिए खोला है. हम जानते थे कि छात्र चिंतित हैं और कैंपस लौटना चाहते हैं. अब एक नए तरह का वायरस तेजी से फैल रहा है. हमने छात्रों पर छात्रावास खाली करने का दबाव नहीं बनाया है.’
उन्होंने कहा कि हम निर्णय लेने के लिए समय-समय पर बैठकें करते हैं. हमें हॉस्टल बंद करने के लिए मजबूर न करें. नियमित रूप से मास्क का प्रयोग करें और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें. विश्वविद्यालय एक ऐसा परिवार है, जहां हमें दूसरों के बारे में सोचना होता है. इस अवसर पर डॉ मुहम्मद युसूफ खान ने कहा कि एक छात्र को पढ़ने के लिए शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘शारीरिक रूप से फिट रहने के लिए व्यायाम करना महत्वपूर्ण है, और सरकार का लक्ष्य हमें स्वास्थ्य के प्रति गंभीर बनाना है.’
प्रो. मुहम्मद फरयाद ने कहा कि सूर्य नमस्कार योग दिल और दिमाग को तरोताजा करने, पाचन तंत्र में सुधार करने, पेट को कम करने और शरीर को लचीला बनाने में मदद करता है.
उन्होंने कहा, ‘हम अपने विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भी मनाते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘निकट भविष्य में यहां आपदा प्रबंधन कार्यक्रम आयोजित करने के अलावा, हमारी योजना छात्राओं के लिए आत्मरक्षा कक्षाएं संचालित करने की भी है.’