अहिंसा सभी धर्मों की शिक्षाओं का हिस्सा हैः प्रो. ऐनुल हसन

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
अहिंसा सभी धर्मों की शिक्षाओं का हिस्सा हैः प्रो. ऐनुल हसन
अहिंसा सभी धर्मों की शिक्षाओं का हिस्सा हैः प्रो. ऐनुल हसन

 

आवाज-द वॉयस/हैदराबाद

दुनिया के सभी धर्म अहिंसा की शिक्षा देते हैं, लेकिन महात्मा गांधी ने भारतीय संस्कृति के साथ मिलकर इसे आजादी के संघर्ष में अंग्रेजों के खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया. ये विचार मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सैयद ऐनुल हसन ने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के तहत व्याख्यान की एक श्रृंखला के हिस्से के रूप में ‘स्वतंत्र संग्राम, गांधी और हिंदी’ पर एक व्याख्यान में व्यक्त किए थे.

इस प्रकार, उर्दू विश्वविद्यालय ने गांधी जयंती से एक दिन पहले राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि दी.

अहिंसा समारोह के अवसर पर अमृत महोत्सव कमेटी ऑफ इंडिपेंडेंस, एनएसएस और हिंदी विभाग, मानो द्वारा संयुक्त रूप से कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

प्रोफेसर ऐनुल हसन ने भी वर्तमान युग में अहिंसा की आवश्यकता पर बल दिया. प्रो. मुहम्मद फरयाद, अध्यक्ष, समिति ने उद्घाटन भाषण दिया.

हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. कर्ण सिंह अटवाल ने इस अवसर पर अपने व्याख्यान में गांधीजी के माध्यम से हिंदी भाषा के प्रचार, स्वतंत्रता संग्राम में हिंदी कविता और कवियों की भूमिका पर प्रकाश डाला.

कंप्यूटर विज्ञान एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अरुंधति ने धन्यवाद ज्ञापित किया. इससे पहले, स्वतंत्रता दिवस समारोह के हिस्से के रूप में, ष्स्वतंत्रता संग्राम और महात्मा गांधीष् पर छात्रों के लिए एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी.

प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में 300 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया. डॉ. अरुंधति समन्वयक थीं. मुख्य अतिथि के रूप में प्रभारी रजिस्ट्रार प्रो. सिद्दीकी महमूद ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लोगों द्वारा किए गए बलिदानों को याद किया.

डॉ. शेख कमरुद्दीन, सहायक प्रोफेसर, प्रबंधन और वाणिज्य विभाग ने धन्यवाद दिया. प्रो. एसएम रहमतुल्लाह, प्रो वाइस चांसलर ने गांधीजी के जीवन और उनके मूल्यों पर बात की और कहा कि सभी को उनका अनुसरण करना चाहिए.

इस मौके पर फिल्म ‘गांधी’ भी दिखाई गई.