उर्दू के जरिए विज्ञान के विस्तार पर कश्मीर में राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस शुरू

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 23-09-2021
कश्मीर में राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस शुरू
कश्मीर में राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस शुरू

 

आवाज द वाॅयस / श्रीनगर

श्रीनगर में से दो दिवसीय राष्ट्रीय उर्दू विज्ञान कांग्रेस 2021 का आगाज हुआ. सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर के सहयोग से आयोजित इस कांग्रेस में देश भर के कई विशेषज्ञों ने भाग लिया. इसका उद्देश्य उर्दू भाषा में विज्ञान को बढ़ावा देना और उसका विस्तार करना है.

विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ. निकेल परशेर का कहना है कि विज्ञान प्रसार आम जनता तक पहुंचने के लिए एक बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. उर्दू विज्ञान को प्रसारित करने और बढ़ावा देने का एक बेहतर माध्यम है. उन्होंने कहा कि उर्दू में बेहतर विज्ञान सामग्री उपलब्ध कराने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत विज्ञान संचार पर एक लेख पेश किया जाएगा.

इस अवसर पर जब मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के कुलपति सैयद ऐन-उल-हसन से पूछा गया कि वे उर्दू विज्ञान के क्षेत्र में क्यों पिछड़ रहे हैं, तो उन्होंने स्वीकारा कि अनुवादों की संख्या में कमी आई है.

इससे कम विज्ञान सामग्री स्थानांतरित की जाती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति अब मातृभाषा में शिक्षा पर जोर दे रही है, इसलिए बेहतर शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराने की संभावना बढ़ी है. कई उर्दू पत्रिकाओं के लेखक और पूर्व कुलपति प्रोफेसर मुहम्मद असलम परवेज कहते हैं कि उर्दू शिक्षा से दूरी विज्ञान और अन्य आधुनिक विज्ञानों से दूरी बना रही है.

प्रोफेसर असलम ने कहा कि दुनिया जान चुकी है कि जो विज्ञान जानते हैं, वे उर्दू नहीं जानते और जो उर्दू जानते हैं वे विज्ञान से अनभिज्ञ हैं. उर्दू कांग्रेस के दौरान गुर्जर बकरवाल वर्ग के बच्चों की शिक्षा के लिए तैनात मोबाइल शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए भी कार्यक्रम आयोजित किया गया.

कुछ विशेषज्ञों ने नई विज्ञान नीति के तहत उर्दू पत्रकारों के लिए विज्ञान में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित करने का आह्वान किया.उन्होंने कहा कि विशेष रूप से उर्दू पत्रकारिता में वज्ञान का कवरेज बहुत कम है.