मिडिल ईस्ट से मुकाबले में दिल्ली के शहीद सुखदेव कॉलेज ने जीती बाजी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 09-06-2021
शहीद सुखदेव कॉलेज
शहीद सुखदेव कॉलेज

 

नई दिल्ली. इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अकाउंटेंट्स (आईएमए) द्वारा भारत और मिडिल ईस्ट के कॉलेजों के बीच आयोजित की गई ‘चैलेंजिंग और रेवर्डिंग स्टूडेंट केस कम्पटीशन’ का दसवां एडिशन भारत ने जीत लिया है. दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज की दो टीमों ने फाइनल में पहला और दूसरा स्थान हासिल किया. वहीं जॉर्डन विश्वविद्यालय की टीम ने तीसरा स्थान अपने नाम किया है.

इस मुकाबले में मिडिल ईस्ट और भारत के 50से अधिक विश्वविद्यालयों से प्राप्त 75से ज्यादा एंट्री में से फाइनलिस्ट टीमों को शॉर्टलिस्ट किया गया था.

विजेता टीम ने दुबई, संयुक्त अरब अमीरात की एक अॉल एक्सपेंस पेड ट्रिप जीती है.

इस मुकाबले की घोषणा पिछले वर्ष नवंबर में की गई थी. 31जनवरी 2021तक प्रविष्ठियां भेजने की अंतिम तिथि थी.

प्रतिस्पर्धा पूर्ण होने पर मंगलवार 8जून को विजेताओं की घोषणा की गई.

विजेताओं को बधाई देते हुए, आईएमए में विदेश मंत्रालय और भारत के अॉपरेशन्स के सीनियर डायरेक्टर, हनादी खलीफ ने कहा, “मैं इस वर्ष की प्रतियोगिता में छात्रों को उनकी कड़ी मेहनत के लिए बधाई देना चाहता हूं. हमने देखा है कि हर गुजरते साल के साथ प्रतियोगिता और कठिन होती जा रही है, क्योंकि दुनिया भर के छात्र रियल-वल्र्ड और प्रैक्टिकल बिजनेस सेटिंग में अपने टेक्निकल और थ्योरेटिकल स्किल को अप्लाई करना चाहते हैं. इस साल, टॉपिकल एकाउंटिंग और फाइनेंस की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित किया गया था और विजेता टीमों ने उन्हें दी गई सभी समस्याओं को हल करने के लिए उत्कृष्ट समाधान प्रदान किये.”

विजेताओं का चयन जूरी द्वारा एक कठोर सिलेक्शन प्रॉसेस के माध्यम से किया गया. इसमें खलीफ, मान करदशाह हिबा दाबौल - रीजनल बिजनेस कंट्रोल्ड, नेस्ले, स्विटजरलैंड, और जय (जयवर्धन) सेमवाल वाइस प्रेसिडेंट, फाइनेंस, हेवलेट पैकार्ड भारत, शामिल थे.

पिछले साल घोषित यह कम्पटीशन, विजेता छात्रों को ग्रैंड फाइनल में अपने कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान किया. इसमें पुरस्कार के रूप में दुबई की एक अॉल एक्सपेंस पेड ट्रिप है. दुनिया भर की विजेता टीमें पहला स्थान हासिल करने के लिए इस कम्पटीशन में आनलाईन आमने-सामने आईं.

कम्पटीशन के एक हिस्से के रूप में, विश्वविद्यालय के छात्रों को तीन से पांच सदस्यों की टीमों में अपने एनालिटिकल स्किल्स, स्ट्रैटेजिक फोरसाईट और क्रिएटिविटी का प्रदर्शन करने की चुनौती दी गई थी. उनके केसिस को तैयार किया गया था और मैनेजमेंट एकाउंटिंग एक्सपर्ट्स के एक पैनल के सामने उनका काम पेश किया गया था.

खलीफ ने कहा, इस कठिन समय के दौरान, हम इन युवा छात्रों के लिए इस तरह के जबरदस्त दबाव में काम करने के समर्पण और दृढ़ संकल्प से वास्तव में प्रभावित हुए हैं. मेरा दृढ़ विश्वास है कि इस तरह की प्रतियोगिताएं आवश्यक स्किल्स और दृष्टिकोण की एक कार्यात्मक समझ प्रदान करती हैं, जो छात्रों को एक डायनामिक और परिवर्तनशील बिजनेस एनवायरनमेंट में टिके रहने और सफल होने में सहायता प्रदान करती है. इस महामारी के बीच इतनी लगन से काम करना अपने आप में ही एक सीख है.