मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय: प्रबंधन के साथ बैठक के बाद छात्रों का धरना समाप्त

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 08-06-2022
मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय: प्रबंधन के साथ बैठक के बाद छात्रों का धरना समाप्त
मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय: प्रबंधन के साथ बैठक के बाद छात्रों का धरना समाप्त

 

आवाज द वाॅॅयस /हैदराबाद
 
मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय में छात्र विरोध मंगलवार को बंद कर दिया गया. प्रबंधन ने छात्रावास मेस की कागजी कार्रवाई के छात्र निकाय के ऑडिट के लिए छात्र संघ की मांग पर सहमति जता दी है.
 
छात्र संघ के प्रमुख मोहम्मद हारिस के मुताबिक, प्रबंधन ने 6 जून को मेस बिल को 2200 रुपये से बढ़ाकर 2800 रुपये करने की घोषणा की थी. उसी दिन शाम को विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था.
 
7 जून (मंगलवार) को प्रबंधन व छात्र संघ के सदस्यों की बैठक हुई. विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रोफेसर अब्दुल अजीम के अनुसार, छात्रों ने 2800 रुपये के निर्धारित मूल्य में 400 रुपये की गिरावट और कागजी कार्रवाई में एक ऑडिट की भी मांग की, ताकि यह पता चले कि क्या कोई विसंगति तो नहीं है ?
 
प्रो अजीम ने कहा कि जहां प्रबंधन ने शुल्क में 400 रुपये की गिरावट की मांग को स्वीकार नहीं किया, वहीं छात्रों की खराब आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए कहा कि छात्र किश्तों में बिल का भुगतान कर सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि प्रबंधन ने कागजी कार्रवाई में एक छात्र निकाय ऑडिट की मांग पर सहमति व्यक्त की है.
 
कहा गया कि हमारे कागजात सभी के लिए खुले हैं. वे  जांच करा सकते हैं. यदि उनके ऑडिट में कोई संदेह है, तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों से धन की वसूली की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी. बरामद पैसे भी छात्रों को वापस कर दिए जाएंगे. ”
 
प्रॉक्टर ने आगे कहा, छात्रों की संख्या को देखते हुए विश्वविद्यालय रसोई में गैस और भोजन तैयार करने के लिए आवश्यक मानव शक्ति प्रदान करता है. कच्चे माल की लागत पूरी तरह से छात्रों द्वारा वहन की जाती है और कीमतों में भारी वृद्धि से अब उन्हें भी दिक्कत आने लगी है. मई में टमाटर और चिकन की कीमत काफी बढ़ गई थी.
 
छात्र समिति वार्डन के साथ मेनू तय करती है और इसे बेगम बाजार में थोक मूल्य पर खरीदती है. सभी भुगतान चेक के माध्यम से होते हैं. यहां किसी भी तरह की गलतफहमी की कोई संभावना नहीं है. ”
 
प्रॉक्टर ने आगे कहा कि मेस बिल बढ़ने का दूसरा कारण मई में छुट्टियां हैं. “छात्रावास की क्षमता लगभग 1200 छात्रों की है. मई में, उनमें से अधिकांश छुट्टियों के कारण घर चले गए और केवल लगभग 400 छात्र ही  रहे. हमें कम छात्रों के लिए कच्चे माल के लिए अधिक भुगतान करना पड़ा. ”
 
बता दें कि गाचीबोलवली में स्थित मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय हैदराबाद की केंद्रीय विश्वविद्यालय है. इसकी स्थापना 1988 में हुई थी. 2015 में आंध्र प्रदेश के कुरनूल में दूसरा उर्दू विश्वविद्यालय बनने तक, यह भारत का एकमात्र उर्दू विश्वविद्यालय था.