नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) को प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJVK) के तहत अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ₹14.8 करोड़ का महत्वपूर्ण अनुदान प्रदान किया गया है। यह अनुदान जेएमआई परिसर में दो अत्याधुनिक सुविधाओं – इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अनुसंधान प्रयोगशाला और साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण प्रयोगशाला – की स्थापना के लिए मिलेगा।
कुल अनुदान में से ₹9.05 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहनों की अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना के लिए स्वीकृत हैं, जिसके प्रमुख अन्वेषक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. एहतेशामुल हक हैं। वहीं, शेष ₹5.75 करोड़ साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण प्रयोगशाला के लिए प्रदान किए गए हैं, जिसके प्रमुख अन्वेषक डॉ. शाने काज़िम नकवी, निदेशक, FTK-सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र (CIT), जेएमआई हैं।
इस पहल को भारत की राष्ट्रीय नीति के तहत इलेक्ट्रिक वाहन और साइबर सुरक्षा इकोसिस्टम में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जेएमआई के कुलपति, प्रो. मज़हर आसिफ ने कहा, “ये परियोजनाएँ न केवल इलेक्ट्रिक वाहन और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में स्वदेशी प्रतिभाओं को पोषित करेंगी, बल्कि छात्रों और पेशेवरों को अत्याधुनिक तकनीकों का व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करेंगी। इससे विश्वविद्यालय राष्ट्रीय स्तर पर इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम बनेगा। हमने अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के प्रति आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने इस महत्वाकांक्षी पहल के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की।”
रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिज़वी ने कहा कि ये प्रयोगशालाएँ छात्रों और शोधकर्ताओं को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का समाधान खोजने, सहयोग और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करने का गतिशील मंच प्रदान करेंगी। उन्होंने प्रो. एहतेशामुल हक और डॉ. शाने काज़िम नकवी की इस परियोजना को साकार करने में कड़ी मेहनत की सराहना की।
प्रो. एहतेशामुल हक ने बताया कि ईवी अनुसंधान प्रयोगशाला के तीन मुख्य उद्देश्य हैं – (i) इलेक्ट्रिक वाहन अनुसंधान में अत्याधुनिक सुविधा का विकास, (ii) छात्रों में अनुसंधान एवं विकास कौशल का संवर्धन, और (iii) 2030 नीति के अनुरूप कार्यबल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना।
साइबर सुरक्षा प्रयोगशाला के पीआई डॉ. शाने काज़िम नकवी ने कहा कि यह सुविधा राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति के अनुरूप डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा में सक्षम और तकनीकी रूप से दक्ष कार्यबल विकसित करेगी।
दोनों प्रमुख अन्वेषकों ने कुलपति और रजिस्ट्रार को हर स्तर पर सहयोग और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया, जिससे ये महत्वाकांक्षी परियोजनाएँ संभव हो सकीं।
यह अनुदान जेएमआई के छात्रों और शोधकर्ताओं को नवाचार, तकनीकी विशेषज्ञता और राष्ट्रीय विकास में योगदान का अवसर प्रदान करेगा, जिससे भारत में इलेक्ट्रिक वाहन और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में नई उन्नति की राह खुलेगी।