भारतीय मूल के वैज्ञानिक कमल बावा अमेरिकी नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में चयनित

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 04-05-2022
कमल बावा
कमल बावा

 

नयी दिल्ली. भारतीय मूल के कंजर्वेशन बायोलॉजिस्ट डॉ कमल बावा को अमेरिकी नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के लिये चयनित किया गया है.


इस 170 साल पुरानी एकेडमी में कमल बावा का चयन विज्ञान के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान को देखकर किया गया है.

 

कमल बावा बेंगलुरु स्थित अशोका ट्रस्ट फॉर रिसर्च इन इकोलॉजी एंड एंनवॉयरमेंट (अत्री) के संस्थापक एवं अध्यक्ष हैं. वह ब्रिटेन की अति प्रतिष्ठित रॉयल सोसाइटी (2015) और अमेरिकन फिलोसॉफिकल सोसाइटी (2019) के भी चयनित फेलो हैं.

 

बावा बॉस्टन स्थित मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिर्टी में बायोलॉजी के प्रोफेसर एमिरिटस हैं. उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से पीएचडी की थी. वह 200 से अधिक शोध पत्र जारी कर चुके हैं. उन्हें विज्ञान क्षेत्र के कई पुरस्कारों से नवाजा गया है.

 

बावा ने कहा कि यह चयन इकोलॉजी, कंजर्वेशन और उष्णकटिबंधीय वनों के प्रबंधन में हमारे महत्वपूर्ण काम की पुष्टि करता है. ये वन पूरी दुनिया में घट रहे हैं लेकिन ये इंसानों के हित के लिये बहुत जरूरी हैं.

 

अत्री ने कहा कि कुछ साल पहले बावा बायोडायवर्सिटी कोलैबोरेटिव के बैनर तले भारत के कई शीर्ष संस्थानों के वैज्ञानिकों को लेकर आये थे. इनका मकसद जैव विविधता और मानवीय हित के लिये राष्ट्रीय अभियान शुरू करना था.

 

उनकी इस पहल को केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार का भी समर्थन मिला और फिलहाल इसे रोहिणी नीलेकणी से फंड मिल रहा है.