12वीं के सीबीएसई फार्मूले का विशेषज्ञों ने किया स्वागत, कुछ ने दिए सुझाव

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 17-06-2021
12वीं के सीबीएसई फार्मूले का विशेषज्ञों ने किया स्वागत, कुछ ने दिए सुझाव
12वीं के सीबीएसई फार्मूले का विशेषज्ञों ने किया स्वागत, कुछ ने दिए सुझाव

 

नई दिल्ली. सीबीएसई ने बारहवीं कक्षा का रिजल्ट जारी करने के लिए फार्मूला तय कर दिया है. कई संस्थानों ने सीबीएसई के इस फार्मूले का स्वागत किया है, तो कुछ शिक्षा विशेषज्ञों ने इसमें आंशिक सुधार की मांग की है. निर्मल भारतीया स्कूल के प्रमुख जुगनू सिंह ने कहा कि सीबीएसई ने बारहवीं के परिणाम देने के लिए कक्षा 10 और 11 के परिणामों को शामिल कर मूल्यांकन का बहुत व्यापक मानक देने की कोशिश की है. हालांकि यह ध्यान रखना होगा कि कक्षा 10 और 11 के छात्रों की मानसिकता और अध्ययन का स्तर बहुत अलग होता है. कक्षा 10 और 11 के लिए 30 प्रतिशत का वेटेज बहुत अधिक लगता है, जो शायद उन्हें बहुत अच्छा नहीं लगे.

उन्होने कहा कि स्कूल और बोर्ड परीक्षा के परिणामों को मिलाना भी उचित नहीं है. दरअसल कक्षा 11 के छात्रों में उतनी गंभीरता भी नहीं आती, यह भी ध्यान में रखना होगा. इसके बाद 12वीं बोर्ड की तैयारी शुरू करने के साथ वे गंभीर हो जाते हैं. हम कक्षा के 10 सीबीएसई परिणामों के समान मानक बना सकते थे.

सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल की प्रिंसिपल एवं निदेशक मंजू राणा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सीबीएसई ने 30, 30, 40 फॉर्मूले पर बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन का प्रस्ताव दिया है जो सराहनीय है. पिछला पूरा साल कोविड का संकट देखते हुए केवल गत एक साल के प्रदर्शन पर विचार करने के बजाय दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा में विद्यार्थी के शैक्षिक प्रदर्शन पर विचार करने का निर्णय मूल्यांकन का निष्पक्ष और विश्वसनीय आधार लगता है.

मंजू राणा के मुताबिक सीबीएसई का यह निर्णय भी स्वागत योग्य ह,ै कि जो विद्यार्थी इस परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे निकट भविष्य में जब और जैसे परीक्षा होगी, उसमें शामिल हो सकते हैं. बोर्ड परीक्षाओं के रद्द होने से आए ठहराव का अंत देख कर मैं बहुत प्रसन्न हूं. आगामी 31 जुलाई तक परिणाम घोषित हो जाएंगे और विद्यार्थी समय से कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दाखिले के आवेदन कर सकेंगे.

अभिभावकों ने भी इस पर अपनी स्पष्ट राय दी. ऐसी ही एक अभिभावक नलिनी रामदास ने कहा कि पहली बात तो यह कि उच्चतर माध्यमिक के छात्र ग्यारहवीं की तैयारी करते समय बोर्ड परीक्षा के साथ विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी दोनों पर ध्यान केंद्रित करते हैं. दसवीं बोर्ड के अंकों पर विचार करना भी सही रहेगा.

वही केंद्रीय विद्यालय में 12वीं कक्षा की छात्रा श्रेया गोयल ने कहा कि महीनों के मानसिक तनाव के उपरांत अब सीबीएसई का यह फार्मूला सचमुच काफी राहत देने वाला है. इस फार्मूले में किसी एक कक्षा या तरीके पर जोर नहीं दिया गया है. छात्रों के समग्र प्रदर्शन के आधार पर 12वीं का रिजल्ट तैयार होगा जो हमारे लिए काफी संतोषजनक है.