सम्राट अकबर को हराने वाली चांद बीबी सहित इतिहास में महिलाओं की उपलब्धियां बिसराने पर विशेषज्ञों ने जताया अफसोस

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 05-06-2022
सम्राट अकबर को हराने वाली चांद बीबी
सम्राट अकबर को हराने वाली चांद बीबी

 

आवाज द वाॅयस /हैदराबाद
 
मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के महिला शिक्षा विभाग और इतिहास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से ‘चांद बीबी सुल्तानः डेक्कन की एक महिला योद्धा शासक’ पर आयोजित संगोष्ठी में विशेषज्ञांे ने इतिहास में महिलाओं की उपलब्धियां बिसराने पर अफसोस जताया.

संगोष्ठी में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए डॉ. सारा फातिमा वहीद, फुल ब्राइट स्कॉलर और प्रोफेसर, इतिहास विभाग, डेविडसन कॉलेज, यूएसए ने चांद बीबी सुल्तान पर एक बहुत ही जानकारीपूर्ण व्याख्यान दिया. बताया कि चांद बीबी ने एक ही समय में अहमदनगर और बीजापुर दोनों पर शासन किया. उन्हांेने न केवल सम्राट अकबर की सेना को लगातार हराया, बल्कि आसपास के राज्यों के हमलों का भी विरोध किया.
 
डॉ सारा ने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि न केवल मध्ययुगीन काल में लिखी गई इतिहास की किताबें, बल्कि औपनिवेशिक और स्वतंत्रता के बाद के युगों के दौरान लिखे गए इतिहास भी उन पर ज्यादा प्रकाश नहीं डालते. वास्तव में चांद बीबी की वीरता और सैन्य रोमांच उन कहानियों तक ही सीमित है जो पाठ्यक्रम का हिस्सा हुआ करती थी.
 
इतिहास विभाग के प्रमुख दानिश मोइन ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि इतिहास की किताबें न केवल शासक या शाही महिलाओं के कामों से रहित हैं, बल्कि हम उन सामान्य महिलाओं के बारे में भी कुछ नहीं जानते हैं जिनके कार्यों से सभ्यता का विकास हुआ है. भारत में कई ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी काबिलियत साबित की है.
 
डॉ अमीना तहसीन, प्रमुख, डीडब्ल्यूई और कार्यक्रम समन्वयक ने अतिथियों का स्वागत किया और विषय का विस्तृत परिचय प्रस्तुत किया. उन्होंने इतिहास में महिलाओं की उपलब्धियों की जानबूझकर अनदेखी करने की प्रथा पर अफसोस जताया. उन्होंने कहा कि उन्हें उजागर करने की जरूरत है. चांद बीबी सुल्तान इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं.