ईद-उल-अधा 2022ः भोपाल में बकरी शो, आमदनी का एक हिस्सा बच्चों की पढ़ाई पर होगा खर्च, मिलेगा छात्रवृत्ति

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
भोपाल में बकरी शो,
भोपाल में बकरी शो,

 

गुलाम कादिर /भोपाल
 
ईद-उल-अजहा 2022 नजदीक आते ही जहां देश के शहरों और कस्बों में पशुओं की खरीद-बिक्री बढ़ी है, वहीं राजधानी भोपाल में बकरियों की प्रदर्शनी के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. प्रदर्शनी में 25 किलो से लेकर 210 किलो तक की बकरियों को प्रदर्शित किया गया. प्रदर्शनी से होने वाली आमदनी का एक हिस्सा गरीब बच्चों की पढ़ाई पर खर्च किया जाएगा.

बकरियों को देखने और खरीदने के लिए न केवल मध्य प्रदेश बल्कि देश के अन्य राज्यों के लोगों ने प्रदर्शनी में भाग लिया. बकरी प्रदर्शनी का उद्देश्य लोगों को एक ही स्थान पर अच्छी बकरियां उपलब्ध कराना और आय से अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति के अवसर प्रदान करना है.
 
ईद-उल-अधा के अवसर पर, इब्राहीम की सुन्नत को निभाने के लिए कुर्बानी का कर्तव्य निभाया जाता है. हैसियत के लोगों द्वारा जानवरों को खरीदा और बेचा जाता है. लोग अपनी पसंद के जानवर को खोजने के लिए दूर-दूर तक यात्रा करते हैं.
 
खरीदारों के बीच भोपाल की बकरियां बहुत लोकप्रिय हैं.खरीदारों को एक ही स्थान पर विभिन्न नस्लों की अच्छी बकरियां मिल सकें, इसके लिए भोपाल के अलेक्जेंड्रिया ग्राउंड में हर साल बकरियों की एक प्रदर्शनी आयोजित की जाती है.
 
कोरोना के प्रकोप के कारण पिछले दो वर्षों में बकरी शो का आयोजन नहीं हो सका. अब स्थिति में सुधार हुआ है. समिति ने एक बार फिर बकरियों की प्रदर्शनी का आयोजन किया. बकरे के शो में एक के बाद एक खूबसूरत बकरियां दिखाई गईं, लेकिन दस साल की छोटी बच्ची जब अपनी बकरी लेकर पहुंची तो ध्यान का केंद्र बन गई.
 
सुभाना पांचवीं कक्षा की छात्रा है. उसने एक कश्मीरी पहाड़ी बकरी को पाला है. बकरी सुभाना के साथ रहती ह. जब सुभाना स्कूल जाती है तो उसकी मां उसकी देखभाल करती है. सुभाना ने अपनी बकरी का नाम गाजी रखा है. और इस बार वह एक बकरे की कुर्बानी देना चाहती है.
 
सुभाना ने कहा कि यह बकरी जिसे मैं गाजी कहती हूं, मुझे बहुत प्यारी है. कुर्बानी अल्लाह को बहुत प्यारी है. यह बकरा जिसे मैंने पाला है मेरी जिंदगी का हिस्सा बन गया है. मैं इसे अल्लाह की खुशी के लिए कुर्बान करना चाहता हूं, जो लोग इसे खरीदते हैं और कुछ घंटों के बाद बकरियों की कुर्बानी देते हैं वे जानते हैं कि कैसे प्यार करना है जानवरों से. मैं सभी से कहूंगा कि जानवरों से प्यार करो फिर कुर्बानी करो. फिर देखो अल्लाह कैसे प्रसन्न होता है.
 
मुंबई, केरल से प्रदर्शनी में आए मुहम्मद फैसल का कहना है कि वह पिछले दस साल से बकरियां खरीदने भोपाल आ रहे हैं. मुझे यहां बकरियां पालने बहुत शौक है. मैंने यहां से कुर्बानी के लिए पंद्रह बकरियां खरीदी हैं.
 
इस साल भोपाल के बाजार में अपने दोस्तों के साथ आया हूं. प्रदर्शनी में 25,000 से 1 मिलियन बकरियां हैं. सबसे बड़ा बकरा दो सौ दस किलो का है यह देखने में बहुत ही सुंदर है लेकिन इसकी कीमत हमारी पहुंच से बाहर है.
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वहीं बकरी प्रदर्शनी के आयोजक अनवर पाशा का कहना है कि बकरी प्रदर्शनी का आयोजन अलेक्जेंड्रिया ग्राउंड में काफी समय से होता आ रहा है. दूसरी बात यह है कि जो लोग यहां बकरियां दिखाते हैं और उससे मिलने वाले पैसे का एक हिस्सा अब अल्पसंख्यक बच्चों की छात्रवृत्ति पर खर्च करते हैं.
 
वहीं बकरियों को पालने और बेचने वालों को भी प्रदर्शनियों के जरिए शिक्षा से जुड़ना सिखाया जाता है. प्रदर्शनी में इस बार की सबसे बड़ी बकरी दो सौ दस किलो की है इसकी कीमत बारह लाख तक रखी गई है जिसे इसका मालिक अभी तक बेचने को तैयार नहीं है.