जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती गांव की बेटी ने दूसरे प्रयास में सिविल सर्विसेज में लगाई सेंध

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 02-06-2022
जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती गांव की बेटी ने दूसरे प्रयास में सिविल सर्विसेज में लगाई सेंध
जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती गांव की बेटी ने दूसरे प्रयास में सिविल सर्विसेज में लगाई सेंध

 

मलिक असगर हाशमी /श्रीनगर
 
सफलता अंतिम नहीं और असफलता जिंदगीभर चिपकी नहीं रहती. इसकी नई मिसाल बनी हैं जम्मू कश्मीर के निपट सीमावर्ती गांव की शिवानी जेरंगल. उन्होंने  यूपीएससी 2021 की परीक्षा में 300 रैंक हासिल किया है.

अपनी एक बार की असफलता के बाद रिजल्ट से पहले उन्हें ऐसा लग रहा था कि तीसरी बारभी परीक्षा देने की नौबत आ सकती है. मगर उनके प्रयासों ने इससे पहले ही कामयाबी दिला दी.
 
शिवानी जरेंगल के पिता पुलिस में हैं और इनका पुश्तैनी गांव भारत-पाक सीमा के ऐसे इलाके में है जहां बुनियादी सुविधाएं न के बाराबर हैं. बावजूद इसके शिवानी के प्रयासों ने रंग लाया.
 
जम्मू की रहने वाली 25 वर्षीय शिवानी ने अपने दूसरे प्रयास में परीक्षा पास की है. उन्होंने सफलता का राज बताते हुए कहा, ‘‘अध्ययन के केंद्रित कर, बहुत सारे ब्रेक और संतुलित दिनचर्या से कामयाबी मिल सकती है.‘‘
 
उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से बी-टेक किया है. इसके बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में लग गईं. वह बताती हैं, “2020 में, मैंने अपनी तैयारी की यात्रा शुरू की. मैंने ज्यादातर स्व-अध्ययन किया. हर दिन औसतन 7-8 घंटे पढ़ाई की. उन्होंने यह भी बताया कि फोरम आईएएस और लेवल अप आईएएस से भी कोचिंग ली है. 
 
चुनौतियों के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा, कोविड लॉकडाउन अवधि उनके लिए दोधारी तलवार थी. शिवानी ने कहा, ‘‘ घर से पढ़ाई करना विचलित करने वाला और मानसिक रूप से थका देने वाला था.‘‘
 
उन्होंने कहा कि दूसरी चुनौती सहकर्मी समूह की अनुपस्थिति थी, जो तैयारी के दौरान आने वाली कठिनाइयों में मदद करती है. “
उन्होंने  बताया ,एक और झटका तब लगा जब मैं अपने पहले प्रयास में असफल रही. बावजूद इसके मैंने इसे सकारात्मक रूप से लिया और अपने प्रयासों को दोगुना कर दिया.‘‘
 
यूपीएससी क्वालीफायर ने कहा कि नवोदित उम्मीदवारों को केवल तभी परीक्षा का विकल्प चुनना चाहिए जब वे दृढ़ हों. ‘‘निरंतर और पूरे दिल से प्रयास करना कामयाबी की कुंजी है. अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें. असफलताओं को अपने ऊपर हावी न होने दें.‘‘
 
इस बीच, पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा परिणाम को पास करने के लिए शिवानी को बधाई दी है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के अन्य यूपीएससी क्वालिफायर को भी बधाई दी है.
 
उन्होंने अपने संदेश में कहा कि इन क्वालीफायर की सफलता केंद्र शासित प्रदेश के उम्मीदवारों को इस मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित करेगी.
 
शिवानी जेरंगल की सफलता की कहानी 

उन्होंने कहा, “मुझे इस बार भी परिणाम की उम्मीद नहीं थी, क्योंकि लिखित परीक्षा अच्छी नहीं गई थी. मैं 5 जून के अगले प्रीलिम्स की तैयारी कर रही थी.‘‘
 
यह पूछे जाने पर कि जम्मू से 6, लद्दाख से एक ने सिविल सेवाओं में जगह बनाई, इसपर उसका क्या कहना है. शिवानी का जवाब था, ‘‘मेरा संदेश है कि इस बार जम्मू-कश्मीर से 7 लोग यूपीएससी में आए हैं.
 
अगली बार टैली दोगुनी होगी.‘‘ उसके माता-पिता का कहना है कि बेटी की कामयाबी से वह गर्वित हैं. गांव में जश्न है.