विदेशों में पढ़ने का क्रेज बढ़ाः 2024 तक 18 लाख भारतीय छात्र दूसरे देश में करेंगे पढ़ाई

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 04-10-2021
विदेशों में पढ़ने का क्रेज बढ़ाः
विदेशों में पढ़ने का क्रेज बढ़ाः

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

जैसे-जैसे दो देशों की सीमाएं एक दूसरे के लिए खुल रही हैं,एक दूसरे के करीब आते जा रहे हैं. इसके चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विदेशों में पढ़ाई का क्रेज भी बढ़ा है. एक पूर्वानुमान के अनुसार, 2024 तक 18 लाख भारतीय छात्र किसी न किसी विदेश के कॉलेज और विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे होंगे.

विदेशों में अध्ययन की मांग बढ़ी है. इस हिसाब से देश छोड़ने का प्रतिशत भी बढ़ा है.  इसके चलते भारतीय छात्रों का 2024 तक विदेश में पढ़ाई का खर्च 75-85 अरब डॉलर तक पहुंचने की अनुमान है. यह 2019 से 2 गुना से भी ज्यादा है.

बेंगलुरु स्थित एक मार्केट रिसर्च फर्म की रिपोर्ट के अनुसार, इस सेक्टर को 2020-21 में कोविड के कारण थोड़ा झटका लगा ़ महामारी के चलते अंतरराष्ट्रीय सीमाएं बंद कर दी गईं थीं, जो अब खुलने लगी हंै.

रेडसीर के एंगेजमेंट मैनेजर अभिषेक गुप्ता ने कहा,‘‘हम आने वाले वर्षों में इस सेगमेंट के विकास के बारे में उत्साहित हैं. हमारे शोध से पता चला कि विदेश में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की कुल संख्या 2024 तक लगभग 18 लाख पहुंच जाएगी.

अकेले 2019 में, लगभग 420 हजार छात्र बाहर गए, लेकिन आवेदकों की कुल संख्या पिछले के मुकाबले लगभग 1.7 गुना अधिक थी. पिछले दो दशकों में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि जैसे कारकों के चलते विदेशों में शिक्षा के लिए पलायन का दर बढ़ा हैै.

1016-19 में बाहर जाने वाले छात्रों की दरों में 6 गुना वृद्धि हुई है.गुप्ता के अनुसार,‘‘हमारे शोध से पता चलता कि वर्तमान में, 770 हजार भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं. 2016 में 440 हजार विदेश में पढ़ रहे थे. इसमें 20 प्रतिशत की वृद्धि रिकॉर्ड की गई है. दूसरी ओर, विदेशों में शिक्षा की मांग की तुलना में घरेलू क्षेत्र में वृद्धि केवल 3 प्रतिशत रही. ”