जामिया में बाजरे के पारंपरिक व्यंजन बनाने को लेकर प्रतियोगिता

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 17-09-2022
जामिया में बाजरे के पारंपरिक व्यंजन बनाने को लेकर प्रतियोगिता
जामिया में बाजरे के पारंपरिक व्यंजन बनाने को लेकर प्रतियोगिता

 

 
आवाज द वॉयस /नई दिल्ली
 
जामिया मिलिया इस्लामिया के पर्यटन और आतिथ्य प्रबंधन विभाग ने बाजरा को अंतरराष्ट्रीय वर्ष के रूप में घोषित करने के प्रस्ताव को अपनाने के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में खाना बनाने की कला की प्रतियोगिता आयोजित की.

बता दें कि बाजरा न केवल भारत बल्कि एशिया, अफ्रीका और अन्य देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. जामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर कार्यक्रम की संरक्षक  थीं.
 
कार्यक्रम का उद्देश्य बाजरे के महत्व को बताना था. कार्यक्रम में इसे पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली के एक जन आंदोलन के रूप में प्रस्तावित किया गया है. प्रतियोगिता का उद्देश्य बाजरा के पोषण और स्वास्थ्य लाभों के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना था. 
 
कार्यक्रम की शुरुआत बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेंट, डीटीएचएम, जेएमआई के छात्रों के श्रमसाध्य और रचनात्मक प्रयासों के मूल्यांकन के साथ हुई.
 
बाजरा के पारंपरिक व्यंजनों, विषय प्रतियोगिता में छात्रों ने उत्साहपूर्वक अपने पाक कौशल का प्रदर्शन किया. छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और बाजरे से पौष्टिक लेकिन स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाया. कुल मिलाकर 9 टीमें थीं जिनमें प्रत्येक में 3 छात्र शामिल थे.
 
वस्तुओं का मूल्यांकन एक निश्चित मानदंड के आधार पर किया गया, जिसमें स्वाद, रूप और प्रस्तुति शामिल थे. छात्रों ने उनके द्वारा तैयार किए गए बाजरे के व्यंजन के पौष्टिक और कैलोरी मान भी प्रस्तुत किए.प्रतियोगिता के निर्णायक पाक असाधारण शेफ अजय सूद और प्रो. निमित चौधरी ने प्रत्येक व्यंजन की सावधानीपूर्वक जांच की और प्रतिभागियों को विस्तृत प्रतिक्रिया प्रदान की. शेफ अजय सूद ने छात्रों के साथ बातचीत की और छात्रों द्वारा दिखाए गए उत्साह को सराहा. 
 
बाद में एचओडी डॉ. सारा हुसैन ने जज का आभार व्यक्त किया और शेफ अजय सूद को छात्रों को अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने आयोजन के महत्व और आवश्यकता के बारे में भी बताया.
 
इस कार्यक्रम को ताज सत्स एयर केटरिंग में आतिथ्य सलाहकार और पूर्व कार्यकारी शेफ शेफ अजय सूद ने संबोधित किया. उन्होंने छात्रों को बताया कि कड़ी मेहनत ही सफलता की कुंजी है.
 
उन्होंने छात्रों को बाजरा के उपयोग के पोषण संबंधी लाभों से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि बाजरा अनाज की एक शैली है जो लगभग हर आवश्यक पोषक तत्व से भरी हुई है.
 
अक्सर इसे ग्लूटेन मुक्त के रूप में एक प्राचीन सुपरफूड माना जाता है जो कई अंतर्निहित बीमारियों का मूल कारण है. भारत में कई प्रकार के बाजरा उगाए जाते हैं.
 
इनमें से प्रत्येक बाजरा सस्ती, आसानी से सुलभ और मूल के लिए बहुमुखी है. साथ ही प्रो. निमित चौधरी ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए छात्रों और सहकर्मियों के ईमानदार प्रयासों की सराहना की.
 
परिणामों की घोषणा शेफ सिद्धार्थ ने की. प्रतियोगिता में मोहम्मद ने पहला स्थान हासिल किया. अमानुल्लाह, सिदरा सरताज और फैजान अहमद के बाद अदीन अहसान और मो. रहीब ने दूसरा स्थान हासिल किया जबकि नाहिबा रहमान, जोफा खान और रफीक अहमद  तीसरे स्थान पर रहे.
 
यह आयोजन पूरी तरह से सफल रहा. छात्रों को सीखने और रचनात्मकता से भरे अपने पाक कौशल का प्रदर्शन करने का बेहतर मौका मिला.