आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने पैगंबर-ए-इस्लाम पर कार्टून बनाने की कड़ी निंदा की है. उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि इस्लाम के पैगंबर के कार्टून बनाना और प्रकाशित करना न केवल अपमानजनक है, असहनीय भी है. उन्होंने ऐसे कृत की निंदा की है.
उन्होंने अपने बयान में कहा कि हर मुसलमान अपने पैगंबर को अपनी जान से ज्यादा प्यार करता है. उसके माता-पिता और उसके बच्चों की भी यह भावना होती है. ऐसे में अल्लाह की शान में थोड़ी भी बदतमीजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
उन्होंने कहा कि इस्लाम के पैगंबर की काल्पनिक तस्वीर या कार्टून बनाना उनके अपमान में शामिल है.
अपने बयान का हवाला देते हुए उन्होंने सरकार से तत्काल उन पाठ्य पुस्तकों से ऐसे कार्टून हटाने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा ऐसी विवादास्पद पुस्तकें की प्रतियां तुरंत जब्त कर लेनी चाहिए.
साथ ही उन्होंने लेखक और प्रकाशक के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की भी मांग की.रहमानी ने सरकार को धर्मों के अपमान पर प्रभावी कानून बनाने और उसे लागू करने का भी सुझाव दिया.
आल इंडिया मुस्लिम पर्सन लाॅ बोर्ड ने उपरोक्त मांग दोहराता हुए कहा कि कानून से स्पष्ट है कि धर्म का अपमान अपराध है, फिर भी कुछ लोग एक बड़े समूह को चोट पहुंचाते रहते हैं. प्रभावी कानूनों से ऐसे आराधों को रोका जा सकता है.
मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के कार्यालय सचिव डॉ. कमरुद्दीन लतीफी का कहना है कि आईसीएसई बोर्ड की सातवीं क्लास के इतिहास की पुस्तक में पैगंबर मोहम्मद साहब और जिब्राइल अलैहिस्सलाम का कथित तौर पर कार्टून प्रकाशित किया गया है.
इस पुस्तक का प्रकाशन दिल्ली का है. इस मामले को लेकर मुसलमानों के एक वर्ग में भारी गुस्सा है.