एएमयू प्रोफेसर तारिक को मिला इंटेलिजेंट सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीज का पेटेंट

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
एएमयू प्रोफेसर तारिक को मिला इंटेलिजेंट सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीज का पेटेंट
एएमयू प्रोफेसर तारिक को मिला इंटेलिजेंट सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीज का पेटेंट

 

अलीगढ़. जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (जेडएचसीईटी), अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ मोहम्मद तारिक के नए आविष्कारों की श्रंखला में ‘इंटेलीजेंट ग्रीन टेक्नॉलोजीज एंड सस्टेनेबल फ्यूचर’ का कठिन आविष्कार करीब आ रहा है.

उनके इनोवेशन, ‘एन ऑटोमेटेड क्लीनिंग सिस्टम ऑफ द सोलर पीवी पैनल’ और ‘सन ट्रैकिंग मैकेनिज्म विद एन इंटरनेट ऑफ थिंग्स बेस्ड ऑटोमेटेड मूवेबल प्लेटफॉर्म’, हाल ही में पेटेंट ऑफिस, कॉमनवेल्थ ऑफ ऑस्ट्रेलिया में पेटेंट कराया गया है. ऊर्जा के भविष्य के स्रोतों पर काम कर रहे शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है.

डॉ तारिक ने कहा कि ‘सौर पीवी पैनल की स्वचालित सफाई प्रणाली’ उन स्थानों के लिए डिजाइन की गई है, जहां चारों ओर धुंध, धूल, गंदगी और रेत उड़ती है. सिस्टम पैनल पर सभी गंदगी को हटाने में सफल है, जिससे अधिक कुशल और विश्वसनीय आउटपुट प्राप्त होता है.

उन्होंने आगे कहा कि ‘आईओटी आधारित ऑटोमेटेड मूवेबल प्लेटफॉर्म के साथ सन ट्रैकिंग मैकेनिज्म’ न केवल ऊर्जा कैप्चर को अधिकतम करेगा, बल्कि अधिकतम बिजली उत्पादन के लिए आईओटी-आधारित स्वचालित मूवेबल प्लेटफॉर्म के साथ समग्र बिजली उत्पादन प्रक्रिया की दक्षता को भी बढ़ावा देगा. आविष्कार का उद्देश्य जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करना और विद्युत शक्ति के उत्पादन के लिए नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना है.

तारिक ने बताया कि ‘सौर पीवी पैनल की स्वचालित सफाई प्रणाली’ से परिचालन लागत में भी कमी आएगी और सौर पैनलों की सफाई के लिए अतिरिक्त जनशक्ति या रोबोट सिस्टम के उपयोग को कम करना संभव होगा.

उन्होंने जोर देकर कहा कि आविष्कार लचीले और कुशल सौर पीवी सिस्टम का समर्थन करने में सहायक होंगे और अक्षय ऊर्जा स्रोतों के विकास और अपनाने को आगे बढ़ाएंगे.

तारिक ने संयुक्त रूप से पेटेंट का आविष्कार अपनी छात्रा अलीना नाज के साथ किया है, जो इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और रिसर्च इंटर्न / प्रोग्रामर, मोहम्मद आजम में बी.ई पूरा करने के बाद अपना अंतिम वर्ष का प्रोजेक्ट कर रही हैं.

डॉ. तारिक, न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय, कैनबरा के साथ दो अंतर-विश्वविद्यालय सहयोगी अनुसंधान परियोजनाओं में प्रमुख अन्वेषक भी हैं, जिन्हें यूएनएसडब्ल्यू, ऑस्ट्रेलिया द्वारा एक सहयोगी अनुसंधान अनुदान योजना के तहत वित्त पोषित किया गया है.