कश्मीर के उर्दू विश्वविद्यालय में बुनियादी ढांचे का निर्माण का एक मिशनः वीसी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 23-09-2021
कश्मीर विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय उर्दू विज्ञान कांग्रेस
कश्मीर विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय उर्दू विज्ञान कांग्रेस

 

श्रीनगर. मौलाना सैयद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सैयद ऐनुल हसन ने कहा कि वह विश्वविद्यालय के कश्मीर परिसर में बुनियादी ढांचे के निर्माण को लेकर बहुत गंभीर हैं और मैं काम जल्द से जल्द शुरू करने की पूरी कोशिश करता हूं. उन्होंने कहा कि सरकार और स्थानीय लोगों के सहयोग से जल्द ही काम शुरू हो सकता है.

प्रो. सैयद ऐनुल हसन ने बुधवार को यहां कश्मीर विश्वविद्यालय में आयोजित ‘राष्ट्रीय उर्दू विज्ञान कांग्रेस’ से इतर यूएनआई उर्दू को दिए एक साक्षात्कार में यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा, “पहले दिन से मैंने विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में पदभार संभाला, मैंने परिसरों के बारे में सोचना शुरू कर दिया और यहां इस कांग्रेस में भाग लेना उसी श्रृंखला की एक कड़ी है.”

प्रो. ऐन-उल-हसन ने कहा कि बडगाम के पटवाओ में परिसर का निर्माण कार्य बहुत जल्द शुरू करने का प्रयास किया जाएगा और मैंने इस संबंध में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ बैठक भी बुलाई है. उन्होंने कहा, “मैंने इस संबंध में उपराज्यपाल के साथ बैठक बुलाई है. वह हमें क्या दे सकते हैं? अगर कोई समझौता होता है, तो निर्माण जल्द ही शुरू हो जाएगा. मैं इसे लेकर बहुत गंभीर हूं.”

उर्दू विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि इस परिसर में बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए स्थानीय सरकार और स्थानीय लोगों का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, “स्थानीय सरकार, स्थानीय लोगों और अन्य हितधारकों के सहयोग से यह काम बहुत जल्द हो जाएगा और मैं इस काम को कम से कम समय में शुरू करने की कोशिश करता हूं.”

प्रोफेसर ने कहा कि हायर एजुकेशन फंडिंग एजेंसी (एचईएफए) भी सहायता देगी.हमें अभी यह नहीं पता कि उन्होंने कितनी राशि आवंटित की है.

उन्होंने कहा, “मैं आगे बढ़ रहा हूं और ऊपर से आशीर्वाद आएगा.” उन्होंने कहा कि परिसर में पानी, बिजली और अन्य जरूरी मामलों के संचालन के लिए स्थानीय प्रशासन का सहयोग जरूरी है और हम उनसे बात भी करेंगे.

उन्होंने कहा, “हम अपने विश्वविद्यालय परिसर को किराए के भवनों या कमरों में भी नहीं चलाना चाहते हैं.” उन्होंने कहा कि परिसर के निर्माण के बाद विश्वविद्यालय में छात्रों की संख्या भी बढ़ेगी और शिक्षकों की संख्या भी बढ़ेगी.

 

विश्वविद्यालय के कश्मीर परिसर में फारसी विषय की शुरुआत के संबंध में उन्होंने कहा, “यहां कश्मीर विश्वविद्यालय में फारसी विषय भी पढ़ाया जा रहा है, हम विदेशी भाषाओं के लिए एक डिवीजन बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें फारसी, अरबी, चीनी, बड़े जर्मन आदि विदेशी भाषाएं सिखाई जाएंगी.” उन्होंने कहा, “हम इस संबंध में यूजीसी से अनुमति लेंगे और बुनियादी ढांचा उपलब्ध होते ही उन्हें पेश करेंगे.”

देश के एकमात्र राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के उपग्रह परिसर की आधारशिला 28मई, 2013को तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. एम.एम. पाम राजू और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा रखी गई थी.

विश्वविद्यालय को उस समय कश्मीर परिसर के निर्माण के लिए 100कनाल सरकारी भूमि (राज्य भूमि) हस्तांतरित की गई थी, जबकि विश्वविद्यालय ने अपने मालिकों को चार कनाल स्वामित्व वाली भूमि के बदले में मुआवजा दिया था.

हालांकि, पिछले आठ वर्षों में, परिसर की दीवारों और गार्ड रूम का निर्माण पूरा हो गया है और जाहिर तौर पर धन की कमी के कारण, परिसर के अंदर बुनियादी ढांचे का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ है. यूनिवर्सिटी के आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज और कॉलेज फॉर टीचर एजुकेशन वर्तमान में बडगाम जिले के हमहामा क्षेत्र में किराए के भवनों में स्थित हैं.

कला और विज्ञान कॉलेज उर्दू, अंग्रेजी, इस्लामी अध्ययन और अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर और पीएचडी पाठ्यक्रम प्रदान करता है, जबकि शिक्षक शिक्षा कॉलेज बी.एड और एम.एड प्रदान करता है. श्रीनगर क्षेत्रीय केंद्र की बदौलत उर्दू विश्वविद्यालय पहले से ही घाटी में छात्रों को दूरस्थ शिक्षा प्रदान कर रहा है.