समी अहमद / पटना
आजादी के 75 साल के जश्न में आज शामिल हो रहे हैं बिहार के कई शहरों के बुद्धिजीवी. लगभग सभी इस बात पर सहमत दिखे कि जद्दोजहद से मिली आजादी को सामूहिक रूप से थामे रखना बेहद जरूरी है. यह तभी संभव है जब हम एक दूसरे की भावनाओं को महत्व दें.
बिहार के पूर्व डीजीपी और फिलवक्त आईआईटी के लिए कमजोर पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों के लिए चलाए जा रहे निशुल्क कोचिंग सेन्टर के संरक्षक अभयानन्द कहते हैं कि स्वतंत्रता दिवस का उत्साह मुझे काफी प्रभावित करता है. मेरे लिए स्वतंत्रता दिवस का मतलब समाज में शिक्षा तक पहुंच और वैज्ञानिक सोच की स्वतंत्रता भी है.
स्वतंत्रता शब्द मेरे दिमाग में दो विचार उत्पन्न करता है. स्वतंत्रता किस बात की और किस बात के लिए. जो बात मेरे जहन में बिल्कुल साफ है, वह यह है कि मैं अपने साथ जीने वालों को आहत किए बिना अपने विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता चाहता हूं. इसी तरह दूसरी बात के लिए मेरा यकीन है कि इसकी स्वतंत्रता हमारे साथ जीने वान वालों को होनी चाहिए. विचारों का गला घोंटना स्वतंत्रता का हनन है जिसके कारण किसी को यह पता नहीं होता कि किस आदमी को इससे वंचित किया जा रहा है.
दुनिया भर में प्रसिद्ध पटना की खुदाबख्श लाइब्रेरी की निदेशक डा. शाइस्ता रजा बेदार कहती हैं कि आजादी के इस अमृत महोत्सव को लेकर हमारे दिलों में एक खुशी है कि देश को आज यह दिन देखना नसीब हुआ है. कितने ही लोगों ने अपनी जानों की कुर्बानी दी तब जाकर इस देश को आजादी मिली.
हमें इस आजादी को संभालना है एकता और प्रेम से एकजुट होकर. नकारात्मक बातों को दूर करना है आपसी भाईचारा और मुहब्बत से. एक साथ चलना है, आगे बढ़ना है। इसी में हमारे देश की उन्नति है। हमारा ख्वाब है कि हेल्थ और एजुकेशन के मैदान में देश और मजबूत हो, आगे बढ़े। बेरोजगारी और भुखमरी से लोगों को निजात दिलाना है. नफरत को खत्म करके मुहब्बत को परवान चढ़ाना है ताकि देश और मजबूत हो और दुनिया को बता सकें कि हमारे देश में प्रेम और मुहब्बत की लहर चलती है.
गया एयरपोर्ट के डायरेक्टर दिलीप कुमार आजादी की सालगिरह पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देने के बाद कहते हैं कि काफी जद्दोजहद के बाद मिली इस आजादी को संभालना हर नागरिक की जिम्मेदारी है. इन 75 सालों में भारत ने काफी तरक्की की है.
विमानन के क्षेत्र में भी उड़ान नीति के तहत कई हवाईअड्डों का परिचालन संभव हो पाया है. बिहार में गया का एयरपोर्ट इस मानी में महत्वपूर्ण है कि यहां से बौद्ध दुनिया का भारत से बहुत ही महत्वपूर्ण सम्पर्क रहता है. पितृपक्ष के समय पर पूरे भारत के पिंडदानियों के लिए यह महत्त्वपूर्ण बना रहता है. इसी तरह इस्लामी दुनिया के लिए हज उड़ानों के कारण इसका नाम है. हाल में बिहार का दरभंगा हवाई अड्डा भी चालू हुआ है और इसके परिचालन से उत्तर बिहार के लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हुई हैं.
मगध विश्वविद्यालय, बोध गया के राजनीति विज्ञान विभाग में वरिष्ठ प्रोफेसर मोहम्मद एहतेशाम खान कहते हैं कि स्वतन्त्रता दिवस हमें इस बात की याद दिलाता है कि हमने कितनी कुर्बानियां देकर यह आजादी हासिल की है, जिसकी रक्षा हमें हर कीमत पर करनी है.
वे कहते हैं कि इस आजादी का महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह में जाति-धर्म के भेदभाव के बिना समानता की आजादी देती है. हम शिक्षा के क्षेत्र में और समावेशी विकास की कामना करते हैं. उम्मीद है इस बार भी जनहित में महत्वपूर्ण घोषणाएं होंगी, जिससे देश के सभी लोगों में नया विश्वास एवं आशा का संचार होगा कोविड-19 के दौरान छाई निराशा और तकलीफ को सरकार अपनी घोषणाओं और कार्यक्रमों से कम करने की कोशिश करेगी.
सासाराम के प्रसिद्ध धरोहर विशेषज्ञ डा. श्याम सुन्दर तिवारी मानते हैं कि स्वतंत्रता दिवस मनाना केवल हमारी औपचारिकता नहीं है. लाखों कुर्बानियों के बाद हमारे देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस का सुअवसर प्राप्त हुआ था. उस स्वतंत्रता को आज स्वच्छंदता समझने की भूल हो रही है. जिस श्रेष्ठ लोकतांत्रिक व्यवस्था को हमने अपनाया उसे कुछ लोग भीड़ तंत्र का पर्याय बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
हम देश के बदले अपना हित साधने में लगे हैं. प्रमाण है कि हमारे बाद स्वतंत्र हुए और हमसे कम संसाधनों वाले अनेक देश विकास के उच्चतम पायदान पर हैं. इसका कारण वहां की जनता का अपने देश के प्रति निष्ठा, ईमानदारी और जीवन में अनुशासन है. उसी सत्य निष्ठा, ईमानदारी और अनुशासन के मार्ग पर चलकर हमारा देश तथा समाज भी विकास के शिखर पर होगा. हम सभी देशवासियों को इस ओर ध्यान देना होगा.
अपनी समाज सेवा और रक्तदान व्यवस्था के लिए सम्मानित मुकेश हिसारिया कहते हैं कि स्वतंत्रता दिवस एक ओर हमें इस बात की खुशी देता है कि हम आजाद हैं और अपने देश के लिए अपनी नीतियां खुद बनाते हैं. दूसरी तरफ यह बात भी सन्तोष देती है कि स्वास्थ्य के कई मामलों में पहले से बेहतर हुए हैं. पोलियो और चेचक से मुक्त हैं.
अभी हाल में कोरोना से हम जरूर परेशान हुए लेकिन इस दौरान समाज के लोग जिस तरह एक दूसरे के काम वह बहुत सुकून देने वाला है. हम चाहते हैं कि देश में रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़े। साथ ही, स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हम थैलीसीमिया माइनर टेस्ट कराने का प्रण लें.