नंगरहार, अफगानिस्तान. अफगानिस्तान के नंगरहार में तालिबान अधिकारियों ने सोमवार को प्रांत में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों की खुदाइ पर प्रतिबंध लगा दिया.
प्रांतीय सरकार ने एक बयान में कहा है कि उसने सांस्कृतिक विरासत स्थलों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए मनमाने ढंग से खुदाई पर प्रतिबंध लगा दिया है.
पूर्वी क्षेत्र ऐतिहासिक स्मारक निदेशालय के निदेशक मौलवी अमानुल्लाह ने विज्ञप्ति में कहा, ‘ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत स्थलों की रक्षा और संरक्षण के प्रयासों में, नंगरहार प्रांत में उन साइटों पर मनमाने ढंग से खुदाई पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.’
अगस्त में, काबुल के अपने जबरदस्ती अधिग्रहण के तुरंत बाद, तालिबान ने बामियान में मारे गए हजारा नेता अब्दुल अली मजारी की प्रतिमा को उड़ा दिया था, जो 2001 में बामियान में बुद्धों की प्रतिमाओं के विनाश की गंभीर याद दिलाता है.
संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक एजेंसी ने अफगानिस्तान की सांस्कृतिक विरासत को उसकी विविधता में और अंतरराष्ट्रीय कानून के पूर्ण सम्मान में संरक्षित करने का आह्वान किया था.
यूनेस्को के बयान में कहा गया है, ‘अफगानिस्तान समृद्ध और विविध विरासत की एक विस्तृत श्रृंखला का घर है, जो अफगान इतिहास और पहचान का एक अभिन्न अंग है. साथ ही समग्र रूप से मानवता के लिए महत्वपूर्ण है, जिसे संरक्षित किया जाना चाहिए.’