कहीं सफेद से हरी न हो जाए मुहब्बत की निशानी ताजमहल

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 17-03-2021
ताजमहल हरे कीड़े का हमला
ताजमहल हरे कीड़े का हमला

 

- गोल्डी काइरोनोमस कीड़ा लग रहा ताजमहल को

- यमुना नदी के कारण ये कीड़ा आने लगा है ताजमहल में

- जब यमुना भरकर चलती है तब ये कीड़ा पनप नहीं पाता

- गर्मियों में पानी कम होता है और यमुना में कीचड़ और काई बनने लगती है, तो गोल्डी काइरोनोमस तेजी से पनपने लगता है

फैजान खान / आगरा

दुनिया भर में मुहब्बत की निशानी से मशहूर और मुगल बादशाह शाहजहां द्वारा अपनी बेगम की याद मंे तामीर कराए ताजमहल पर गोल्डी काइरोनोमस कीड़े ने हमला बोल दिया है. अगर वक्त पर हुक्मरान और उनके नुमाइंदे नहीं चेते, तो इस कीड़े के हमले से ताजमहल का संगमरमरी हुस्न हरी इमारत में तब्दील हो जाएगा.

ताजमहल के उत्तरी दरवाजे की ओर चमेली फर्श और मुख्य गुंबद की दीवारों पर कीड़ों के निशान नजर आने लगे हैं. एएसआई ने इस कीड़े को मारने और ताजमहल को इससे बचाने का प्लान बनाना शुरू कर दिया है.

शुक्रवार को ताजमहल बंदी के दिन इसकी सफाई की जाएगी. लोगों को मुहब्बत का पैगाम देने वाला दुनिया का सातवां अजूबे ताजमहल की खूबसूरती में गोल्डी काइरोनोमस कीड़ा ने दाग लगा दिया है.

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ताजमहल हरे कीड़े का हमला


आपको बता दें यमुना नदी के घटते जल स्टार और दिनों दिन बढ़ती गंदगी के चलते यमुना नदी तो दूषित हो रही है, लेकिन इस पानी में पनप रहे बैक्टेरिया और कीटाणु ताजमहल की दीवारों पर भी इसका बुरा असर छोड़ रहे हैं.

इसका असर ताज की दीवारों पर पड़ रहा है. चमेली फर्श और ऊपर मुख्य गुंबद की दीवार पर कीड़ों के स्राव के कारण हरे, काले और भूरे रंग के निशान संगमरमरी दीवारों पर दिखने लगे हैं.

एक बार में एक हजार अंडे देती है मादा

मादा कीट एक बार में एक हजार से अधिक अंडे देती है. लार्वा और प्यूमा के बाद करीब 28दिन में ये पूरा कीड़ा बनकर तैयार हो जाता ह,ै जो दो दिन तक ही जीवित रहता है.

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ताजमहल हरे कीड़े का हमला


पानी में फास्फोरस की ज्यादा मात्रा

विशेषज्ञों मनोज कुमार जैन बताते हैं कि यमुना जल में फास्फोरस ज्यादा होने से गोल्डी काइरोनोमस कीड़े ज्यादा तेजी से पनपते हैं. यमुना में कीचड़ और काई जैसी  बनने लगती है. इसमें ये गोल्डी काइरोनोमस पनपने लगता है. इन कीड़ों का प्रजनन बढ़ने के कारण काले और हरे रंग के दाग पत्थरों पर दिख रहे हैं.

काले निशान पड़ गए

भारतीय पुरातत्वव सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद् वसंत कुमार स्वर्णकार कहते हैं कि यमुना नदी में पानी कम होने और प्रदूषण बढ़ने पर कीड़ों के कारण काले निशान पड़े हैं. शुक्रवार को साप्ताहिक बंदी के दौरान इन धब्बों को हटवाया जाएगा. इसे लेकर एएसआई के सभी अधिकारियों के साथ बैठक हो चुकी है. पूरा प्लान बन चुका है.  

इस बार कुछ ज्यादा लगा कीड़ा

सीनियर गाइड ताहिर उद्दीन ताहिर करते हैं कि थोड़ा बहुत ये कीड़ा पहले भी लगा था, लेकिन इस बार कुछ ज्यादा ही हो गया है. चमेली फर्श, मुख्य गुंबद की ऊपरी हिस्सा हरा-हरा हो गया है, जो बहुत ही बुरा लगता है. इसे जल्द ही सफाई कराई जाए.