गंगा-जमुनी संस्कृति को बढ़ाने के लिए बिहार में शुरू हुआ ‘तहफ्फुज-ए-उर्दू’ अभियान

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 02-02-2021
गंगा-जमुनी संस्कृति को बढ़ाने के लिए बिहार में शुरू हुआ ‘तहफ्फुज-ए-उर्दू’ अभियान
गंगा-जमुनी संस्कृति को बढ़ाने के लिए बिहार में शुरू हुआ ‘तहफ्फुज-ए-उर्दू’ अभियान

 

 

सेराज अनवर / पटना

भारत की गंगा-जमुनी संस्कृति एवं इसके विचारों को दुनिया तक पहुंचाने वाली उर्दू भाषा को सहेज कर रखने एवं विकास के लिए बिहार-झारखंड-उड़ीसा की सबसे बड़ी धार्मिक-सामाजिक संस्था इमारत-ए-शरिया ने संस्था के अमीर मौलाना मोहम्मद वली रहमानी की निगरानी में अभियान शुरू किया है. एक से 14 फरवरी तक चलने वाले इस अभियान के तहत बुनियादी दीनी तालीम को आम करने, आधुनिक शिक्षण संस्थानों की स्थापना तथा उर्दू भाषा के विकास पर जोर दिया जाएगा.

 

’हफ्ता बराए तालीम व तहफ्फुज ए उर्दू’ के नाम से शुरू किए गए इस अभियान के दौरान बिहार के सभी 38जिले के प्रत्येक शहर ,गांव में उर्दू पंचायतें आयोजित की जाएंगी. सभाओं का आयोजन किया जाएगा.

 

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव और इमारत ए शरिया के अमीर मौलाना वली रहमानी के निर्देश पर ‘उर्दू सप्ताह’ को सफल बनाने के लिए इमारत को जिम्मेदारी सौंपी गई है. एक दिन पहले  पूर्णिया, भागलपुर, खगड़िया, समस्तीपुर, भोजपुर, बक्सर, आरा, नालंदा में कार्यक्रम आयोजित किया गया. आज कटिहार, बांका, बेगूसराय, दरभंगा, पूर्वी चंपारण में सभाएं आयोजित की जा रही हैं.

 

इमारत ए शरिया के कार्यवाहक सचिव (नाजिम) मौलाना मोहम्मद शिब्ली कासमी ने आवाज द वॉयस  को बताया कि अपने असूलों, नजरिया की मजबूती के लिए हर गांव-बस्ती में बुनियादी दीनी तालीम के मकतब स्थापित करना जरूरी है. शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की जाए, स्कूल-कॉलेज तथा तकनीकी शिक्षण संस्थान खोले जाएं, जहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था हो. उनका कहना है कि संपन्न लोग अपने संसाधनों को सामाजिक विकास में लगाएं. इसके अलावा उर्दू भाषा का समग्र विकास सुनिश्चित की जाए.

 

उन्होंने बताया कि अभियान के लिए बिहार के सभी जिलों में कमेटी बनाई गई है. 14फरवरी को अभियान का समापन पटना में इमारत ए शरिया के अलमहद भवन में किया जाएगा. इस अवसर पर एक सेमिनार का आयोजन होगा, जिसमें मौलाना वली रहमानी भी मौजूद रहेंगे.समापन समारोह में उर्दू तहरीक से जुड़ी शख्शियतों का जमघट लगेगा. इस दौरान उर्दू और तालीम को घर-घर तक पहुंचाने की रणनीति का खुलासा होगा.

 

मौलाना शिबली कहते हैं कि इमारत शरिया ने हमेशा समय और परिस्थितियों की मांग पर कड़ी नजर रखी है. उस के अनुसार कौम व मिल्लत का नेतृत्व किया जा रहा है. इमारत के इस अभियान से पूरे प्रदेश में उर्दू और दीनी तालीम को लेकर जश्न का माहौल बनेगा दृ

 

उन्होंने कहा कि चार-पांच जिले में ’तालीम व तहफ्फुज उर्दू सप्ताह’का आयोजन चल रहा है. 3 फरवरी को किशनगंज, लखीसराय, गया, मधुबनी, कैमूर, शिवहर,4 फरवरी को अररिया, सहरसा, जमुई, औरंगाबाद, रोहतास, सीतामढ़ी, 6 फरवरी को सुपौल, शेखपुरा, गोपालगंज, अरवल, वैशाली और 7 फरवरी को मधेपुरा, मुंगेर, सीवान, सारण, नवादा, जहानाबाद, पश्चिम चंपारण में सभाएं आयोजित की जाएंगी.5 फरवरी शुक्रवार को कोई कार्यक्रम नहीं है. कार्यक्रमे आगाज परमुफ्ती मोहम्मद सनाउल होदाकासमी, मौलाना सुहैल अहमद नदवी, सुहैल अहमद कासमी, मौलाना अरशद रहमानी,  डॉ.निसार अहमद,  मौलाना नसीरूद्दीन मजाहरी आदि मौजूद थे.