मो. अकरम / हैदराबाद
आजादी के 75वर्ष पूरे होने के जश्न में आज शरीक हो रहे हैं देश कि विभिन्न शहरों के लोग. उन्हें लगता है कि मुल्क में बढ़ता धार्मिक उन्माद, विकास के पहिए को आगे बढ़ने से रोेक रहा है. यदि आप भी देश की आजादी के 75वर्ष पूरे होने पर अपने विचार रखना चाहते हैं, तो हमें मेल करें. साथ में अपनी तस्वीर देना न भूलें.
केरल के रहने वाले मानव माइग्रेन वेलफेयर फाउंडेशन के रीजनल कोऑर्डिनेटर मोहम्मद फारूक बताते हैं कि देश के लिए बीता साल बेहद खराब रहा. कोरोना काल में लोगों ने अपनों को हमेशा के लिए खो दिया.
इंसानी जिंदगी केलिए यह भयावह साल था. लोग अपनों के पास जाने से डरते थे. पूरी दुनिया के लाखों लोगों को अपनी जद में कोरोना ने ले लिया. भारत भी इसकी चपेट में रहा. कोरोना के चलते लॉकडाउन लगाने से अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है.
बेरोजगारी बढ़ी है. धार्मिक उन्माद को भी इस बीच हवा दी गई. हालांकि, दूसरी तरफ देश के जांबाजों ने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रच दिया. गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा को दुनिया हमेशा याद रखेगी.
लगता है कि देश की हालत अभी नहीं सुधरने वाली. इस की एक वजह है नफरत की रानजनीति.नेशनल डेवलपमेंट ट्रस्ट के डायरेक्टर सायमा खान बताती हैं कि देश के हालात बहुत अच्छे नहीं हैं. लोग धर्म, जाति में बंट गए हैं.
पढ़े लिखे लोग भी बहकावे में आ रहे हैं. इससे देश के विकास मंे बाधा पहुंच रही है. ऐसे में हमारा देश पिछड़ जाएगा. दुनिया जब आगे बढ़ रही है तो देश के कुछ लोग अंधविश्वास, धर्म, जाति को हवा दे रहे हैं.
मुंबई महानगर के धारावी में रहने वाले मुश्ताक अहमद कहते हैं कि यह साल कोरोना की चपेट रहा है. इससे कारोबार पूरी तरह खत्म हो गया है. छोटे कारोबार के लोग परेशान हैं. लगता है, आने वाले समय में देश में बड़े कारोबारी ही रहेंगे.
सरकार के लॉकडाउन के फैसले से आने वाले वक्त में बेरोजगारी और ज्यादा बढ़ेगी. उम्मीद है इसपर सरकार जरूर काम कर रही होगी. मुझे लगता है कि आने वाले दो, तीन साल देश वासियों के लिए सही नहीं होंगे.
छात्रा फातमा बताती हैं कि बेरोजगारी पहले ज्यादा बढ़ी है. यह समस्या जल्द दूर होती नहीं दिख रही है. कोविड ने हालात ज्यादा बिगाड़ दिए हैं. लाखों युवा कॅरियर की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं. इसके बावजूद भारत के बेहतर भविष्य के लिए युवा वर्ग को काम करना चाहिए. बेरोजगारी कैसे दूर हो इसपर भी युवाओं को काम करना चाहिए.