कोरोना विस्फोट के बीच रमजान शुरूः मस्जिदें बंद, दुआ के दरवाजे खुले

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] • 2 Years ago
रमजान में घरों में ही करें इबादत
रमजान में घरों में ही करें इबादत

 

आवाज द वाॅयस ब्यूरो नई दिल्ली पटना

कोरोना विस्फोट के साथ आज से देश-दुनिया मंे रमजान का पवित्र महीना शुरू हो गया. भारत में आज एक लाख 85 हजार से अधिक कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए. यहां तक कि दिल्ली के तिहाड. जेल के कैदियों तक यह महारोग पहुंच चुका है. दुनिया के अन्य हिस्सों में भी कोरोना ने भयावह रूप ले लिया है. इसके चलते ईरान के 23 सूबे में जहां लाॅक डाउन लगा दिया गया, वहीं तुर्की में भी रात के कर्फ्यू को और सख्त किया गया है.
 
भारत के कई प्रांतों में रात का कर्फ्यू जारी है. महाराष्ट्र सरकार ने अपने प्रदेश में कोरोना के निरंतर बढ़ते मामले को देखते हुए कई तरह की सख्तियां आज से लागू कर दी हैं. इस बीच रमजान का महीना शुरू होने से रोजेदारों को कई तरह की सख्तियां ना चाहते हुए भी झेलनी पड़ेंगी.
 
रात का कर्फयू होने से हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित कई हिस्से में रामजान शुरू होने के साथ तरावीह शुरू नहीं हो पाई. यही नहीं देश के अधिकांश हिस्से में तमाम धार्मिक स्थलों पर ताला लगा है. ऐसे में मस्जिदों में नमाजी नहीं जुट रहे हैं. यहां तक कि खाड़ी देशों में भी रमजान में कई तरह की बंदिशें लगा दी गई हैं. इसके बावजूद लोग घरों में रहकर इबादत और रोजे में मशगूल हो गए हैं.
 

बिहार की मिल्ली तंजीमों की अपील, रमजान में घरों में ही करें इबादत

 

पटना से सेराज अनवर की रिपोर्ट के मुताबिक,

बिहार की आधा दर्जन मिल्ली तंजीमों और उसके धार्मिक पेशवाओं ने राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के मद्देनजर मुसलमानों से रमजान की इबादत घरों के अंदर करने की अपील की है.
 
इमारत-ए-शरिया के नायब अमीर-ए-शरीयत मौलाना मोहम्मद शमशाद रहमानी कासमी, खानकाह मुनअमिया मित्तनघाट के सज्जादानशीं मौलाना शमीम उद्दीन अहमद मुनअमी, मजलिस उलेमा व खुतबा इमामिया बिहार के प्रमुख मौलाना सैयद अमानत हुसैन, जमियतुल उलेमा (महमूद मदनी) बिहार के नाजिम-ए-आला मोहम्मद नाजिम, खानकाह रहमानी मुंगेर के सज्जादानशीं मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी, जमात-ए-इस्लामी बिहार के अमीर मौलाना रिजवान अहमद इसलाही. जमीयतुल उलेमा (अरशद मदनी) बिहार के नाजिम-ए-आला हुस्न अहमद कादरी, अहले हदीस बिहार के अध्यक्ष मौलाना खुर्शीद अहमद मदनी, मुस्लिम मजलिस मशावरत के महासचिव अनवारुल होदा ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि मौजूदा हालात में जबकि कोरोना वायरस एक बार फिर तेजी के साथ फैल रहा है और मर्ज की सूरत-ए-हाल रोज-ब-रोज बढ़ती जा रही है. जिसकी वजह से सरकार ने विभिन्न प्रकार की बंदिशें लगा दी हैं.

उन्होंने कहा कि ऐसे वक्त में मस्जिदों में जुमा व जमात और तरावीह से संबंधित कई जगहों से कॉल आ रहे हैं और लोग सवाल कर रहे हैं इस परस्थिति में मस्जिदों में जुमा व जमात और तरावीह कैसे कायम की जाये? तो इस सिलसिले में हमें जानना चाहिये कि मस्जिदों का निर्माण ही जमात के लिए किया जाती है और मस्जिद को आबाद करना ईमान वालों की अहम जिम्मेदारी है, लेकिन मौजूदा हालात में नमाज घरों में भी पढ़ी जा सकती है.

घर में नमाज अदा करने से नमाज हो जायेगी. मगर मस्जिदों को बंद कर देना या जमात का इंतेजाम न करना गलत होगा. मस्जिदों में आजान की पाबंदी होनी चाहिये और इमाम, मोअज्जिन को मस्जिद के जिम्मेदार के साथ नमाज का सिलसिला जारी रखना चाहिए.

मिल्ली सरबराहों ने कहा है कि आम लोग अपने घरों में नमाज अदा करें. कोरोना की ताजा लहर को रोकने के लिए सरकार ने जो पहल की है, उसमें सहयोग करें. बिना जरूरत भीड़भाड़ वाले जगहों पर जाने से बचें, सामाजिक दूरी का ख्याल रखें. सेहत की हिफाजत भी एक अहम ईमानी तकाजा है.

गौरतलब है कि इमारत-ए-शरिया और दीगर संगठनों की बिहार सरकार से मांग जारी है कि जिस तरह से शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, अन्य पब्लिक पैलेस, दफ्तर आदि में कोरोना प्रोटोकोल के तहत तैंतीस से पचास प्रतिशत तक उपस्थिति की इजाजत दी गयी है. इसी तर्ज पर मस्जिद और अन्य धार्मिक संगठनों में भी लोगों   को इबादत की इजाजत दी जाये.