रेशमा /अलीगढ़
कहा जाता है कि शेरवानी सिर्फ एक पहनावा नहीं है. शेरवानी तहजीब और तमीज की भी पहचान कराती है. जिस तरह से शेरवानी पहनी और सिलवाई जा रही है, उस लिहाज से शेरवानी अलीगढ़ की एक पहचान बन चुकी है. आज अलीगढ़ की शेरवानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से राष्ट्रपति भवन तक का सफर तय करते हुए सऊदी अरब, पाकिस्तान, लंदन, अमरीका, आस्ट्रेलिया समेत उन देशों में भी पहनी जा रही है, जहां अलीग (एएमयू के पूर्व छात्र) रह रहे हैं. अगर यह कहा जाए कि शेरवानी के इस सफर में मेहंदी हसन ने इंजन का काम किया है, तो कहना गलत नहीं होगा. शेरवानी किसी सेलेब्रेटी की सिलनी हो या राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की, लेकिन दस्तक आज भी मेहंदी हसन टेलर की दुकान पर दी जाती है.
1947 में मेहंदी हसन ने इसी नाम से तस्वीर महल चौराहा, अलीगढ़, यूपी में शेरवानी सिलने की शुरुआत की थी.
बताया जाता है कि मेहंदी हसन मूलरूप से रामपुर के रहने वाले थे. एएमयू में शुरु से ही शेरवानी का रिवाज रहा है, तो धीरे-धीरे हसन की दुकान पर छात्रों की भीड़ होने लगी. न सिर्फ छात्रों की, बल्कि प्रोफेसर और वाइस चांसलर भी मेहंदी हसन के हाथ से सिली हुई शेरवानी ही पहनने लगे.
मेहंदी हसन के बेटे अनवर मेहंदी बताते हैं, जाकिर हुसैन पहले राष्ट्रपति थे, जिन्होंने हमारे पिता के हाथ की सिली हुई शेरवानी पहनी थी, क्योंकि एएमयू के वक्त से वो हमारे पिता की कारीगरी को देख चुके थे. वो ही सिलसिला आज भी चला आ रहा है.
इसके बाद तो राष्ट्रपति भवन में शेरवानी का सिलसिला ऐसा चला कि वीवी गिरी, नीलिमा संजीवा रेड्डी, फखरुउद्दीन अली अहमद, ज्ञानी जैल सिंह, डॉ. शंकर दयाल शर्मा, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, प्रणव मुखर्जी, रामनाथ कोविंद, सोमनाथ चटर्जी, हामिद अंसारी समेत ज्यादातर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने हमारी दुकान की सिली हुई शेरवानी ही पहनी है.
तैयार शेरवानी
अनवर मेहंदी का कहना है कि शेरवानी तुर्की कोट में किए गए कुछ बदलाव का नतीजा है. बहुत सार सेलेब्रेटी और नवाब खानदान से ताल्लुक रखने वालों समेत राहुल गांधी भी हमारे दुकान की सिली हुई शेरवानी ही पहनते हैं.
शादियों में शेरवानी के ऑर्डर बहुत आते हैं. मेहंदी हसन की शेरवानी में ऐसी क्या खासियत है, इस सवाल के जवाब में अनवर बताते हैं कि कपड़े की कटिंग के वक्त रखा गया फिटिंग का ध्यान और सिलाई की बारीकी हमारी शेरवानी को दूसरों से खास बनाती है. जब तक सीने के पास और पीछे कमर के हिस्से पर शेरवानी फिट नहीं आएगी, तो शेरवानी को पहनने का कोई मतलब नहीं रह जाता .
सर सैयद डे सहित कई अहम मौके पर अलीगढ़ में बनी हुई शेरवानी पहनी जाती है. यहां की शेरवानी मौजूदा उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भी पहनी हैं. पिछले सप्ताह आए उप राष्ट्रपति को भी शेरवानी भेजी गई है.
शमशाद मार्केट में शेरवानी बनाने वाले पुरानेे उस्तादों में शामिल खुर्शीद अकरम का कहना है कि उनके ससुर मेहंदी हसन ने दुनिया भर की शख्सियतों की शेरवानी सिलकर अलीगढ़ का नाम रोशन किया है.
इन दिनों सऊदी अरब, पाकिस्तान, लंदन, अमरीका सहित दर्जन भर देशों में शेरवानी की धूम है. वह कहते हैं कि दिल्ली की जामा मसजिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी के भाई याहिया बुखारी अपने भांजों की शादी के लिए तीन शेरवानी सिलवाकर ले गए हैं.