मक्काः गुस्ल-ए-काबा समारोह में शामिल हुए भारतीय व्यवसायी एमए यूसुफ अली

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 07-08-2023
मक्काः गुस्ल-ए-काबा समारोह में शामिल हुए भारतीय व्यवसायी एमए यूसुफ अली
मक्काः गुस्ल-ए-काबा समारोह में शामिल हुए भारतीय व्यवसायी एमए यूसुफ अली

 

मंसूरुद्दीन फरीदी / आवाज-द वॉयस

लुलु ग्रुप के अध्यक्ष और अबू धाबी चैंबर के उपाध्यक्ष एमए यूसुफ अली ने पवित्र शहर मक्का में पवित्र काबा के वार्षिक स्नान समारोह में भाग लिया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किए गए एक वीडियो में यूसुफ अली को समूह के सदस्य के रूप में काबा के सामने खड़े होकर प्रार्थना करते और अधिकारियों के साथ बात करते हुए दिखाया गया है.

प्रिंस बद्र, दो पवित्र मस्जिदों के मामलों के लिए जनरल प्रेसीडेंसी के प्रमुख शेख अब्दुल रहमान अल सुदीस और उनके साथ आए गणमान्य व्यक्तियों ने काबा के आंतरिक भाग को गुलाब जल, ऊद और अन्य इत्र से स्नान कराया था.

काबा की दीवारों को साफ करने के लिए तौलिये का उपयोग किया जाता है. भीतरी दीवारों को गुलाब और कस्तूरी के इत्र में भिगोए सफेद कपड़े से साफ किया जाता है. जमजम के पानी को इत्र के साथ मिलाकर फर्श पर छिड़का जाता है और नंगे हाथों और ताड़ के पत्तों से साफ किया जाता है.

 


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आमतौर पर पूरी प्रक्रिया दो घंटे में पूरी हो जाती है. काबा की भीतरी दीवारें तीन मीटर लंबी हैं और छत की भीतरी सतह हरे रेशम से ढकी हुई है. इससे पहले, किस्वा के निचले हिस्से को पैगंबर की मस्जिद और पैगंबर के पैगंबर (उन पर शांति) के मामलों के लिए जनरल प्रेसीडेंसी द्वारा उठाया गया था.

मक्का की ग्रैंड मस्जिद में किस्वा (काबा का आवरण) बदलने की वार्षिक रस्म नए इस्लामी वर्ष की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए, मुहर्रम, 1445 की पहली तारीख, मंगलवार की रात, 19 जुलाई को होती है.

 

यूसुफ अली कौन है और लुलु ग्रुप क्या है?

 

आपको बता दें कि यूएई स्थित लुलु ग्रुप के मालिक यूसुफ अली एमए केरल के त्रिशूर जिले के रहने वाले हैं. उनका जन्म 15नवंबर 1955को केरल के एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. वह 18साल की उम्र में अपने चाचा का खुदरा व्यवसाय संभालने के लिए अबू धाबी चले गए. फोर्ब्स इंडिया रिच लिस्ट 2021में यूसुफ अली 5बिलियन डॉलर के साथ 38वें स्थान पर थे. लुलु समूह, जो 42देशों में काम करता है, का वार्षिक कारोबार 8बिलियन डॉलर है और यह 57,000से अधिक लोगों को रोजगार देता है. उनके ग्रुप का सालाना टर्नओवर 8अरब डॉलर का है.

उन्होंने वर्ष 2000में लुलु हाइपरमार्केट की स्थापना की. वर्तमान में यूसुफ अली संयुक्त अरब अमीरात के नागरिक हैं. उनका समूह सुपरमार्केट श्रृंखला क्षेत्र में काम करता है. लखनऊ भारत का चौथा शहर है, जहां इस समूह ने अपना सुपरमार्केट खोला है. इससे पहले, लुलु ग्रुप के सुपरमार्केट कोच्चि, बेंगलुरु और तिरुवनंतपुरम में खोले गए थे. उनका समूह वर्तमान में मध्य पूर्व, अमेरिका और यूरोप के 22देशों में कारोबार कर रहा है. यूसुफ अली संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले सबसे अमीर भारतीय एनआरआई हैं.

 


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यूसुफ अली अपने बिजनेस के साथ-साथ परोपकारी कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं. गुजरात में आए भूकंप से लेकर सुनामी और केरल बाढ़ तक उन्होंने कई बार बड़ी रकम दान की है

एक मशहूर घटना में उन्होंने एक शख्स की जान बचाई थी. जब 2012में 45वर्षीय बाक्स कृष्णन की कार से दुर्घटनावश एक बच्चे की मौत हो गई थी. यह बच्चा सूडानी था, कृष्णन को कोर्ट ने दोषी पाया और यूएई कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई. केरल के रहने वाले कृष्णन के परिवार और दोस्तों ने उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वे असफल रहे. वहीं, हादसे के बाद बच्चे का परिवार भी वापस सूडान चला गया, जिसके कारण पीड़ित परिवार से उनकी बात भी नहीं हो सकी.

इसके बादकृष्णन के परिवार ने लुलु ग्रुप के चेयरमैन यूसुफ अली से मुलाकात की और यूसुफ ने इस मुद्दे पर संयुक्त अरब अमीरात के प्रबंधन से भी मुलाकात की. इसके बाद यूसुफ अली ने जनवरी 2021 में एक बयान जारी कर कहा कि सूडान में पीड़ित परिवार बाकृष्णन को माफ करने के लिए तैयार है. यूसुफ अली ने कहा कि अगर वह अदालत को पांच लाख दिरहम यानी एक करोड़ रुपये का भुगतान करेंगे, तो उन्हें रिहा कर दिया जाएगा. इसके बाद यूसुफ अली नेकृष्णन की रिहाई के लिए अदालत में मुआवजा भरा और बक्सकृष्णन को रिहा कर दिया गया. यूसुफ अली कृष्णन और उनके परिवार के लिए देवदूत साबित हुए. यूसुफ का बेक्स कृष्णन से कोई संबंध नहीं था. उन्होंने ये सब सिर्फ इंसानियत के लिए किया. उन्हें भारत में पद्मश्री पुरस्कार दिया गया है, जबकि संयुक्त अरब अमीरात ने भी उन्हें सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया है.

 






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