खुर्शीद अहमद: पटना में सजा रहे अदब की महफिल

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] • 3 Years ago
एडवांटेज लिटरेरी फेस्टिवल की टीम
एडवांटेज लिटरेरी फेस्टिवल की टीम

 

सेराज अनवर / पटना

पटना में एक शख्स ऐसा भी है, जिसने खामोशी से बिहार के मिजाज को बदलने की जिद कर ली है. यह बात पिछले बरस की है. शुरुआत हुई अदबी महफिलों से, महज 9 महीनों की मेहनत ने इस कदर रंग भरा है कि अब लोग इन महफिलों का शिद्दत से इंतेजार करते हैं. उस शख्स का नाम है खुर्शीद अहमद.

वे बिहार-झारखंड की अग्रणी पीआर और इवेंट कंपनी एडवांटेज ग्रुप के संस्थापक एवं सीईओ हैं. कार्यक्रम का नाम है एडवांटेज लिट फेस्ट. इस कार्यक्रम के 3 एपिसोड हो चुके हैं. चौथा एपिसोड 13 मार्च को आयोजित होगा. एडवांटेज लिट फेस्ट एपिसोड-5 में अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त शायरा शबीना अदीब रुबरू होंगी. उनसे मशहूर एंकर नगमा सहर गुफ्तगू करेंगी.

एक छोटी सी विज्ञापन एजेंसी से अपनी कैरियर की नींव रखने वाले खुर्शीद अहमद आज मील के पत्थर बन गये हैं. एडवांटेज मीडिया आज न सिर्फ अव्वल विज्ञापन एजेंसी है, बल्कि बड़ी से बड़ी महफिलों का नंबर-1 आयोजक भी है, जो बिहार अपनी छवि को लेकर बदनाम रहा है, खुर्शीद ने अदब की महफिलें जमा कर उस बिहार की रुत बदल दी है.शायर, पत्रकार और लेखक को सुनने और जिंदगी को बुनने भारी तादाद में लोग जुट रहे हैं.

शायर फरहत शहजाद को आमंत्रित किया 

शायर फरहत शहजाद को आमंत्रित किया एडवांटेज लिट फेस्ट के पहले एपिसोड में गजल के विश्व प्रसिद्ध अमेरिकी शायर फरहत शहजाद को आमंत्रित किया गया था. जून 2019 में ‘एक शाम-फरहत शहजाद के नाम’ से फेस्ट की शुरुआत हुई थी. रुबरू का यह कार्यक्रम बिहार उर्दू अकादमी में आयोजित किया गया था, जिसमें उनकी लिखी किताब का भी विमोचन हुआ था.

इसकी कामयाबी और साहित्य प्रेमियों के उत्साह को देखते हुए एडवांटेज सपोर्ट ने एडवांटेज लिट फेस्ट एपिसोड-2 का आयोजन किया और इसमें बॉलीवुड के मशहूर गीतकार एएम तुराज को पटना म्यूजियम, बेली रोड में बुलाया गया था.लोगों ने एएम तुराज से न सिर्फ उनके लिखे नगमे सुने बल्कि उनके बारे में भी जाना और उनसे सवाल भी किए.

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विश्व प्रसिद्ध अमेरिकी शायर फरहत शहजाद को स्मृति चिन्ह प्रदान करते हुए खुर्शीद अहमद


मेरे रश्क-ए-कमर

एडवांटेज लिट फेस्ट एपिसोड-3 में हिन्दी सिनेमा में अपने लेखनी से अहम जगह बनाने वाले मनोज मुंतशिर को बुलाया गया. प्रेमचंद रंगशाला, सैदपुर, में आयोजित कार्यक्रम में हिन्दी सिनेमा के इस उभरते हुए चेहरे से मिलने, बात करने और उनकी नजम को सुनने के लिए साहित्य प्रेमियों की अच्छा खासा मजमा लगा.

अपने कलाम से मुंतशिर ने कई गाने लिखे हैं, जिनमें एक विलेन फिल्म का गाना गलियां, रुस्तम में तेरे संग यारा, एमएस धोनी अनटोल्ड स्टोरी के लिए कौन तुझे और जिन्स फिल्म के लिए दिल मेरी न सुने. इसके अलावा बादशाहो फिल्म का मशहूर गाना- मेरे रश्क-ए-कमर और तेरी मिट्टी फिल्म के गाने लिखे हैं.

मैं फिर भी तुमको चाहूंगा ये गाना जिसे यू-ट्यूब पर 250 मिलियन लोगों ने सुना है. मनोज मुंतशिर को रुबरू सुन लोग काफी मुतासिर हुए. खुर्शीद की यही कोशिश है कि जिन शख्शियतों को दूर से देखा और सुना है, उन मशहूर शख्सियतों, उभरते चेहरों से मिलने, बात करने और उन्हें सुनने का मौका पटना के लोगों को मुहैया कराया जाये.

इंडिया पब्लिक रिलेशन कॉरपोरेट कम्युनिकेशन अवार्ड

खुर्शीद अहमद की इस पहल की राष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है. महज साल भर पहले शुरू एडवांटेज लिट फेस्ट को दिल्ली में इंडिया पब्लिक रिलेशन कॉरपोरेट कम्युनिकेशन अवार्ड देकर सम्मानित किया गया है. यह सम्मान रुबरू कार्यक्रम के शिल्पकार खुर्शीद अहमद को आईपीआरसीसीए के अधिकारी अनुराग बत्रा ने दिया.

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खुर्शीद अहमद


 

कार्यक्रम काफी सराहा गया

खुर्शीद अहमद ने कहते हैं कि आपके काम की मान्यता से आपको सिर्फ खुशियां नहीं, बल्कि आपकी जिम्मेवारियां भी बढ़ जाती हैं. 650 इंट्री के बावजूद हमें यह सम्मान मिला है. एडवांटेज लिट फेस्ट को यह सम्मान कला और संगीत कैटेगरी में मिला है. यह अवार्ड मेरे लिए खास है, क्योंकि इसकी शुरुआत मुश्किल से साल भर पहले हुई थी.

इस अवधि में हमने तीन लाइव और 7 वर्चुअल कार्यक्रम किये. इसके ऑफलाइन तथा ऑनलाइन के कार्यक्रमों को काफी सराहा गया. लोगों में सकारात्मक एंटरटेनमेंट बांटने में एडवांटेज लिटरेरी फेस्टिवल को आशातीत सफलता मिली है.

इसकी कामयाबी और साहित्य प्रेमियों के उत्साह को देखते हुए एडवांटेज लिट फेस्ट एपिसोड-5 की महफिल सजने वाली है. 13 मार्च को होटल मौर्या में शबीना अदीब अपनी शायरी का रस घोलेंगी.

शबीना अदीब ये मशहूर नजम मुलाहिजा कीजिए:

खामोश लब हैं झुकी हैं पलकें दिलों में उल्फत नयी-नयी है,

अभी तकल्लुफ है गुफ्तगू में अभी मोहब्बत नयी-नयी है.


अभी न आएगी नींद तुमको अभी न हमको सुकूं मिलेगा,

अभी तो धड़केगा दिल ज्यादा अभी ये चाहत नयी-नयी है.


बहार का आज पहला दिन है चलो चमन में टहल के आएं,

फजां में खुशबू नयी नयी है गुलों पे रंगत नयी-नयी है.


जो खानदानी रईस हैं वो मिजाज रखते हैं नरम अपना,

तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारी दौलत नयी-नयी है.


जरा सा कुदरत ने क्या नवाजा कि आ के बैठे हैं पहली सफ में,

अभी से उड़ने लगे हवा में अभी तो शोहरत नयी-नयी है.

 

खुर्शीद अहमद बताते हैं कि लॉकडाउन के समय चौथे एपिसोड में कई वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें दिल्ली के निजामी ब्रदर्स कव्वाली, अंदाज-ए-बयान के अंतर्गत उदयपुर टेल्स के द्वारा शानदार स्टोरी टेलिंग, राधिका चोपड़ा द्वारा गजल और इंटरनेशनल ई मुशायरा में मनव्वर राना, मंसूर उस्मानी, शारिक  कैफी, शबीना अदीब, एएम तुराज, सैयद सरोश आसिफ तथा अनस फैजी सहित कई नामी शायरों ने शिरकत की थी. इस फेस्ट की खास बात यह है कि पटना के वैसे शायर, जिन्होंने काफी लंबे समय से इस क्षेत्र में नाम किया है, उनको लाईफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड से नवाजने का सिलसिला भी शुरू हुआ है. इस कड़ी में पटना  के मशहूर शायर सुल्तान अख्तर का पहला नाम है, जिन्हें सम्मानित किया गया है.