सेराज अनवर/ पटना
अहमद वली फैसल रहमानी के अमीर ए शरीयत बनने के बाद इमारत ए शरिया में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिल रहा है. चार राज्यों में फैले इमारत को पुनः सुनहरे दौर में लौटाने के लिए कोशिशें तेज़ हुई हैं.इस क्रम में संस्था ने बड़े पैमाने पर उलेमा की बहाली का फैसला लिया है. इनके जिम्मे गांवों में इमारत ए शरिया के मिशन के साथ शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना होगा.
चार राज्यों के चप्पे-चप्पे में आलिम फैले मिलेंगे.पहली बार उलेमा की बहाली को पारदर्शी बनाया गया है.उनसे आवेदन मांगे गए हैं, इंटरव्यू भी लिए जाएंगे.उनका मानदेय तय होगा. इमारत का बजट बेशक इससे बढ़ेगा, पर 100 लोगों को नौकरी भी मिलेगी.
31 जनवरी आवेदन देने की आखिरी तारीख
आलिमों की बहाली के लिए 31 जनवरी आवेदन देने की आखिरी तारीख रखी गई है. बिहार, झारखंड, बंगाल व ओडिशा में इमारत-ए-शरिया 100 आलिमों को बहाल करने जा रही है.
अभ्यर्थी ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन दे सकते हैं.आवेदक की आयु 20 से 40 साल के बीच होनी चाहिए. बिहार समेत किसी भी मदरसे से आलिम होना जरूरी है.
आवेदन देने के बाद उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा.लॉकडाउन के खत्म होने के एक माह बाद बहाली की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. बहाल होने वाले आलिमों को हरेक माह 10 हजार रुपए मानदेय मिलेगा.
कैसे करें आवेदन
आवेदक को आवेदन में अपना नाम,पता,जन्म तिथि, आलिम की डिग्री,मोबाइल नंबर और वाट्सएप नंबर लिखना है. इसे इमारत-शरिया के इस पते पर भेजना है.
डिपार्टमेंट ऑफ तबलीगी एंड तंजीम, इमारत-ए शरिया, फुलवारी शरीफ, पटना, 8015051 जो आवेदन ईमेल से भेजना चाहते हैं वे
[email protected] पर भेज सकते हैं और जो वाटसएप पर आवेदन देंगे उन्हें इस वाट्सएप नंबर 7050667423 पर भेजना है.
उलेमा का काम क्या होगा
उनका काम इमारत के दावती काम के साथ शिक्षा मिशन को गांव-गांव तक पहुंचाना है.बच्चों और उनके अभिभावकों को दीनी शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा के लिए जागरूक करना है. मदरसों से लेकर मस्जिदों में जाकर शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना है.इमारत का पैगाम लोगों तक पहुंचाना है.अभी इन चारों राज्यों में 56 आलिम बहाल हैं.
क्या कहते हैं नाजिम इमारत
इमारत के कार्यवाहक नाजिम मौलना शिब्ली अलकासमी ने
आवाज द वायस को बताया कि आवेदन आने के बाद उसकी स्क्रूटनी होगी.जो इस लायक होंगे उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा. इसके बाद 100 आलिमों की बहाली होगी.
100 आलिमों की बहाली पर इमारत पर 1.20 करोड़ का सालाना बोझ बढेगा.उन्होंने कहा कि इमारत ए शरिया का पैगाम लोगों तक पहुंचाएंगे. लोगों की राय से इमारत ए शरिया को अवगत कराया जाएगा.
उस आधार पर इमारत सामाजिक,शैक्षणिक,आर्थिक,सियासी रिपोर्ट तैयार करेगी. मिल्लत को हर शोबा में खड़ा करने का काम किया जाएगा.यह इमारत के मकसद में शामिल है.इसलिए आलिमों को बहाल करने का काम किया जा रहा है.अमीर ए शरीयत की सोच कौम को बुलंदी पर ले जाने की है.इमारत ए शरिया उनके नेतृत्व में सक्रिय है.