मक्का के जन्नत कब्रिस्तान में हर तीन साल बाद खाली की जाती हैं कब्रें

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 03-05-2021
कब्र को खाली करने का दृश्य
कब्र को खाली करने का दृश्य

 

मंसूरुद्दीन फरीदी / नई दिल्ली

मक्का में स्थित है, इस्लामी दुनिया में सबसे पवित्र स्थल ‘जन्नत अल-माअली’ मक्का में एक विशेष कब्रिस्तान है, जिसे अल-हज्जुन के नाम से भी जाना जाता है. इस कब्रिस्तान में हजरत खदीजतुल काबरा, पवित्र पैगंबर के रिश्तेदारों, साथियों और पीर-दरवेशों के पवित्र मकबरे हैं. कब्रिस्तान बैतुल्लाह शरीफ से लगभग एक से डेढ़ किलोमीटर पश्चिम में स्थित है. साधारण जायरीनों और स्थानीय लोगों को भी यहां दफन करने की अनुमति है.

कब्रिस्तान की दीवारें ठोस और आधुनिक शैली की हैं. अल-माअली  कब्रिस्तान सबसे बड़े कब्रिस्तानों में से एक है. आज तक मृतकों को इसमें दफनाया जाता है. एक कब्र का उपयोग कई बार किया जाता है. जब कब्रिस्तान भरा हुआ होता है, तो कब्रों को साफ किया जाता है और फिर अन्य शवों को दफनाया जाता है.

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कब्र में सीढ़ियां और अंदर का नजारा 

इस कब्रिस्तान की खास बात यह है कि इसकी कब्रों को हर तीन साल में खाली कर दिया जाता है और दूसरे शवों को दफन कर दिया जाता है. अब कब्रिस्तान के विस्तार की कोई संभावना नहीं है. इसलिए कब्रों को अब हर तीन साल में बहुत व्यवस्थित तरीके से खाली कर दिया जाता है. इन कब्रों को कंक्रीट स्लैब के साथ पक्का किया गया है.

इन कब्रों की गहराई और चौड़ाई उपमहाद्वीप के पारंपरिक कब्रों की तुलना में बहुत अधिक है. ये कब्र तीन साल बाद खोली गई हैं. इनमें सीढ़ियां लगी हुई हैं. यदि अवशेष मौजूद होते हैं, तो उन्हें एक कोने में खोदकर गाड़ दिया जाता है. यह काम बहुत संगठित और नियमित तरीके से किया जाता है.

एक ऐतिहासिक कब्रिस्तान

जन्नत मक्का का ऐतिहासिक कब्रिस्तान है. पवित्र पैगंबर ने इसे अच्छे शब्दों में पेश किया है. यह एक अच्छा कब्रिस्तान है. इस कब्रिस्तान में उम्म अल-मुमीनिन हजरत खदीजा का मकबरा है. इसमें पवित्र पैगंबर के पुत्र अब्दुल्ला और अल-कासिम की कब्रें भी हैं. इसके अलावा, अब्दुल्ला इब्न जुबैर और अताब इब्न की कब्रें भी हैं. मक्का के साथी जन्नत में साथ हैं. पूरे मुस्लिम जगत के प्रतिष्ठित विद्वानों और बुजुर्गों और आम लोगों की कब्रें भी मक्का के विभिन्न हिस्सों में स्थित कब्रिस्तानों में पाई जाती हैं.

कब्रिस्तान हाजून पर्वत की तलहटी में है

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कब्रिस्तान से दिखाई देने वाला हराम शरीफ और मक्का टॉवर
 

जन्नत अल-माअली कब्रिस्तान अल-हजून रोड की शुरुआत में है. यह मक्का के अल-माबिदा से हरम शरीफ जाने वाले व्यक्ति के दाईं ओर पड़ता है. कब्रिस्तान में शवों को लाने के लिए एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई है. इसका प्रबंधन मक्का मुकर्रमा नगरपालिका द्वारा किया जाता है. आमतौर पर जिन लोगों का अंतिम संस्कार मस्जिद अल-हरम में किया जाता है, उनकी लाशें जन्नत अल-माअली कब्रिस्तान में ले जाई जाती हैं. मस्जिद-अल-हरम और इस कब्रिस्तान के बीच थोड़ी दूरी है.