आवाज- द वॉयस/ एजेंसी/ अहमदाबाद
एक अनूठी पहल के तहत,अहमदाबाद के खमासा में एक 150 साल पुरानी विरासत इमारत की मरम्मत की जा रही है. और इस इमारत को वंचित लड़कियों के लिए एक नवाचार केंद्र में बदल दिया गया है. इस इमारत को बहाल करने के काम पर लगी वास्तुकार संस्कृति पांचाल कहती हैं कि एक औपनिवेशिक वास्तुकार द्वारा निर्मित, इमारत 2011 का भूकंप को झेल गया.
एलएक्सएस फाउंडेशन गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के साथ साझेदारी में इस इमारत का विकास करेगा, जिसकी अनुमानित लागत 3.2 करोड़ रुपये है. पांचाल बताती हैं, "यह एक गर्ल्स कॉलेज था लेकिन 2001के भूकंप के बाद इसे छोड़ दिया गया था. इस प्रकार सरकार को इसे एक नए भवन में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर होना पड़ा.”
संस्कृति पांचाल, जो एलएक्सएस फाउंडेशन की सह-संस्थापक भी हैं, बताती हैं कि इमारत की मरम्मत का काम दो साल में पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा, "2018में हमने इमारत को बहाल करने का फैसला किया और राज्य के शिक्षा मंत्री से संपर्क किया."
परियोजना की नींव के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए यहवास्तुकार बताती हैं कि प्रत्येक विरासत बहाली को लोगों के लिए काम करना है.
"हम सभी की एक गलत धारणा है कि विरासत एक ऐसी चीज है जिस पर हमें अपने अतीत पर गर्व होना चाहिए. हालांकि, मुझे लगता है कि हमें याद रखना होगा कि विरासत एक ऐसी चीज है जो हमारे अतीत का सम्मान करती है और हमारे वर्तमान और भविष्य पर गर्व करना सिखाती है."