आवाज द वायस / अमरेली (गुजरात)
चक्रवाती ताउके से उठने वाली तेज हवाएं और तीव्र बारिश ने गुजरात के अमरेली सहित आम उत्पादक जिलों को भारी नुक्सान पहुंचाया है. भारी मात्रा में आम के फल और पेड़ तबाह हो गए.किसानों के अनुसार, हाल में आए चक्रवात के कारण आम का कारोबार 10 से 25 साल पीछे चला गया, जिससे आम के बागों के मालिकों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है.
किसान जिग्नेश गजेरा ने कहा कि इस चक्रवात में बेमौसम बारिश और तेज हवाओं से पूरे जिले के आम के फल क्षतिग्रस्त हो गए. पेड़ जड़ से उखड़ गए. जिला प्रशासन इस चक्रवात से हुए नुकसान का आकलन करने में लगा है.
जिग्नेश ने कहा, ‘‘करीब 1,200-1,300 पेड़ उखड़ गए हैं. इससे उनके 10-15 साल की मेहनत बेकार हो गई. अब हमें फिर से उतना ही समय लगेगा पेड़ों को जवान करने में. सरकार हमें मदद देगी तो अच्छा होगा.‘‘
हजारों एकड़ में होता है आम का उत्पादन
गिर सोमनाथ, तलाला और अमरेली जिलों में लगभग 15,000 हेक्टेयर में आम का उत्पादन होता है. अमरेली जिले में 7,000 हेक्टेयर में आम की फसल का उत्पादन होता है. चक्रवात से अमरेली जिले में करोड़ों रुपये के नुकसान की आशंका है.
स्थानीय लोगों के अनुसार, आम की खेती गर्मी के मौसम के अंत तक की जा सकती है. इस चक्रवात से बर्बाद हो चुके आम की तोड़ाई का समय भी नहीं रहा.जिग्नेश ने कहा, ‘‘हम पके आमों को तोड़ते हैं और इस समय के आसपास बिक्री के लिए भेजते हैं.
हम अपनी फसल को इस तरह बर्बाद होते देखकर दुखी है.‘‘आम व्यापारियों के अनुसार चक्रवात के कारण आम के पेड़ समय से पहले ही नष्ट हो गए.