वीआई सरकार से 78,500 करोड़ रुपये के एजीआर बकाया पर सर्वोत्तम, दीर्घकालिक समाधान चाहता है:सीईओ

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 12-11-2025
Vi seeks best, long-term solution from government on Rs 78,500 crore AGR dues: CEO
Vi seeks best, long-term solution from government on Rs 78,500 crore AGR dues: CEO

 

नयी दिल्ली
 
कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया (वीआई) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अभिजीत किशोर ने कहा कि कंपनी सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है और उसे उम्मीद है कि वह 78,500 करोड़ रुपये के समायोजित सकल राजस्व बकाया के लिए सर्वश्रेष्ठ एवं दीर्घकालिक समाधान निकाल लेगी।
 
किशोर ने कहा कि कंपनी धन जुटाने के लिए बैंकों एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों सहित कई स्रोतों से संपर्क कर रही है जो दीर्घकालिक वित्तपोषण के लिए समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) मामले के समाधान पर भी निर्भर करता है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘ हम उस समाधान की तलाश में हैं जो सबसे सही और सरकार के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के अनुरूप हो। हमारा मानना ​​है कि चूंकि उच्चतम न्यायालय का आदेश हाल ही में आया है इसलिए बैंकों को दीर्घकालिक वित्तपोषण के लिए उस पर थोड़ी निर्भरता होगी।’’
 
सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को वित्त वर्ष 2016-17 तक की अवधि के लिए उठाए गए अतिरिक्त एजीआर मांग के संदर्भ में पुनर्विचार करने और उचित निर्णय लेने की अनुमति दी है। साथ ही ब्याज व जुर्माना सहित सभी एजीआर बकाया का व्यापक रूप से पुनर्मूल्यांकन और समाधान करने की भी अनुमति दी है।
 
किशोर ने कहा कि सितंबर 2025 के अंत तक कंपनी की एजीआर देनदारी लगभग 78,500 करोड़ रुपये थी।
 
कंपनी सूचना के अनुसार, ‘‘ 30 सितंबर 2025 तक वीआई का बैंकों से बकाया ऋण (अर्जित लेकिन देय नहीं ब्याज सहित) 15.421 करोड़ रुपये है। स्पेक्ट्रम के लिए आस्थगित भुगतान दायित्व (अर्जित लेकिन देय नहीं, ब्याज सहित) है जो वित्त वर्ष 2043-44 तक के वर्ष में देय है और एजीआर जो वित्त वर्ष 2030-31 तक के वर्षों में देय है कुल मिलाकर 201409 करोड़ रुपये है।’’
 
वीआईएल (वोडाफोन आइडिया लिमिटेड) को चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में 12,132 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है और 30 सितंबर तक इसकी निवल संपत्ति नकारात्मक 82,460 करोड़ रुपये थी।
 
आलोच्य तिमाही के अंत में कंपनी का कुल ऋण 2.02 लाख करोड़ रुपये था।