वाजिदुल्लाह खान/ हैदराबाद
‘गुरुवार’ सभी लोगों के लिए यह एक सामान्य दिन होता हैं, लेकिन हैदराबाद के कुछ लोगों के लिए यह खरीदारी का विशेष दिन होता है. सप्ताह में एक बार, जंग पुल और पुराने शहर स्थित पुराने पुल के बीच का क्षेत्र पूरी तरह से नया दिखता है. जैसे ही सूरज उगता है, इलाके की सड़कें फेरीवालों और दुकानदारों से भर जाती हैं. यह परंपरा हैदराबाद के अंतिम शासक नवाब मीर उस्मान अली खान बहादुर के समय से चली आ रही है. चाहे वह पुराना टीवी सेट हो या दुर्लभ घड़ी, सुइयों से लेकर क्रॉकरी, कपड़े, जूते, फर्नीचर, स्टील के बर्तन, कंबल, सब कुछ यहां कम कीमत पर उपलब्ध हैं. इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स और उपकरण भी यहां आसानी से मिलते हैं. इस बाजार की स्थापना के बाद से काफी समय गुजर गया है, लेकिन अब भी इसकी लोकप्रियता बनी हुई है.
हैदराबाद के ‘गुरुवार बाजार’ में पुराने सिक्कों की जमकर खरीद-फरोख्त होती है.
पूरे शहर के लोग ‘गुरुवार’बाजार में खरीदारी करने आते हैं. दूसरे राज्यों के दुकानदार भी यहां आते हैं. महाराष्ट्र के एक खरीदार ने कहा, “मैं गुरुवार को नियमित रूप से बाजार में आता हूं, क्योंकि यह अपने सस्ते सामान के लिए जाना जाता है. मैंने यहां से घर के लिए कई चीजें खरीदी हैं. यहां की वस्तुएं सभी के लिए सुलभ हैं. उनमें से अधिकांश चीजें बिना किसी गारंटी के साथ सेकेंड हैंड (उपयोग किए गए) हैं, लेकिन यह ग्राहकों को खरीदारी करने से रोक नहीं पाता है.”
‘गुरुवार बाजार’ में पुराने टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान सस्ते दामों पर मिलते हैं.
एक अन्य ग्राहक ने कहा, “मैं पेशे से इलेक्ट्रीशियन हूं. बिजली के उपकरणों में कई प्रकार के स्टार्टर, स्विच बोर्ड, छत के पंखे, तार और यहां तक कि पुराने टीवी सेट तक यहां मिलते हैं. यहां के दुकानदारों द्वारा मेरे साथ कभी छल या लापरवाही नहीं की गई. इस बाजार में उत्पादों की कीमतें काफी कम हैं.”
उन्होंने बताया कि दुर्लभ वस्तुएं भी यहां उपलब्ध हैं, जो लोग अपने घर को पुराने और दुर्लभ सामानों से सजाना चाहते हैं, वे आमतौर पर हर गुरुवार को बाजार जाते हैं. प्राचीन सिक्का संग्रहकर्ता और इतिहास के शौकीन इस बाजार में दिलचस्प चीजें ढूंढते रहते हैं.
जब हमने मुशीराबाद इलाके से अनवर हुसैन से पूछा, तो उन्होंने कहा, “इन वस्तुओं को विभिन्न बाजारों से लाया जाता है और यहां बेचा जाता है.’ एक अन्य व्यापारी ने कहा, “हम नीलामी में मुंबई और सूरत आदि स्थानों से खरीदे गए सामान यहां बेचते हैं. इस स्थान का मेरे लिए एक विशेष स्थान है और मैं कई वर्षों से यहां आ रहा हूं.”
यहां जरूरत का हर सामान मिल जाता है.
एक महिला यहां विभिन्न सामानों और बर्तनों को बेचती है. वे कहती हैं, “मैं मंगल हाट क्षेत्र से ताल्लुक रखती हूं, जो इस बाजार के करीब है. मैं शहर के विभिन्न हिस्सों में स्टील के बर्तन बेचती हूं, लेकिन हर गुरुवार को मैं इन वस्तुओं को यहां बेचने आती हूं. मैं अपनी युवावस्था से ही यह काम कर रही हूं.”
एक अन्य बुजुर्ग महिला का कहना है, “मैं अपनी दादी के साथ इस बाजार में एक बच्ची के रूप में आती थी, जो कई चीजें बेचती थीं. मैंने जीवन के 60 बसंत देखे हैं. तब से यहां कुछ भी नहीं बदला है. सिवाय इसके कि बाजार थोड़ा बढ़ा है. इस बाजार के घंटे सुबह 6 बजे से सूर्यास्त तक हैं. शाम को 6 बजे सभी व्यापारी पैकअप करके निकल जाते हैं.”