बांग्लादेश से भारत को खाद्य तेल निर्यात की संभावनाए अधिक हैं: दोरीस्वामी

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] • 3 Years ago
बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त विक्रम कुमार दोरीस्वामी
बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त विक्रम कुमार दोरीस्वामी

 

 

सुमी खान / ढाका

बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त विक्रम कुमार दोरीस्वामी ने मंगलवार को कहा है कि बांग्लादेश, भारत को खाद्य तेल का निर्यात कर सकता है. इसके लिए कीमतें उत्पादन लागत से 20फीसदी ज्यादा होंगी.

दोरीस्वामी ने दोनों देशों के व्यवसायिक समुदायों से आग्रह किया था कि देशों के बीच माल परिवहन की सुविधाएं बेहतर करने के लिए सरकारों को मनाएं.

वहीं बांग्लादेश में भारतीय निवेश करने को लेकर उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में बहुत संभावनाएं हैं, ऐसे में यदि हम भारतीय व्यवसायियों को यहां के विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में निवेश करने के लिए तैयार करते हैं, तो यह बहुत अच्छा होगा. इसके अलावा बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन (बीआईएमएसटीईसी) और बांग्लादेश, चीन, भारत और म्यांमार के आर्थिक कॉरिडोर के लिए निजी क्षेत्र के आपसी हितों को साथ लाने की जरूरत है.”

उच्चायुक्त ने मंगलवार को ढाका चौंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डीसीसीआई) का दौरा कर वहां के अध्यक्ष रिजवान रहमान से द्विपक्षीय व्यापार वार्ता की.

इस मौके पर रहमान ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20में बांग्लादेश और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 6.9बिलियन डॉलर रहा. इसमें बांग्लादेश ने 5.79बिलियन डॉलर का आयात किया और 1.10बिलियन डॉलर का निर्यात किया.

उन्होंने यह भी कहा कि ढाका से अन्य यूरोपीय और अमेरिकी बंदरगाहों की तुलना में ढाका से दिल्ली तक माल परिवहन करने की लागत बहुत ज्यादा है.

रहमान ने भारत से बांग्लादेश को दिए गए भारतीय क्रेडिट लाइन के कार्यान्वयन में तेजी लाने और कस्टम नियमों 2020की समीक्षा करने का भी आग्रह किया.

इस पर भारतीय उच्चायुक्त ने कहा, “हम माल परिवहन के लिए बांग्लादेश के नदी पर स्थित बंदरगाहों के उपयोग में तेजी लाने के लिए भी बहुत उत्सुक हैं, लेकिन इसके लिए कुछ नियामकों की जरूरत है. हम एक ऐसा मैकेनिज्म स्थापित करना चाहते हैं जो बांग्लादेश के बीएसटीआई सर्टिफिकेशन को अनुमति दे, वो भी खासतौर पर खाद्य उत्पादों और स्टील के सामानों के लिए.”

उन्होंने निर्यात और आयात प्रक्रियाओं में तेजी लाने के लिए बांग्लादेश में सभी भूमि बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे का विकास करने और टेक्नीकल एडवांसमेंट कराने का भी आग्रह किया.