तालिबान ने भारत से आयात-निर्यात किया बंद

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 18-08-2021
आयात-निर्यात बंद
आयात-निर्यात बंद

 

नई दिल्ली. तालिबान ने काबुल में प्रवेश करने और रविवार को देश पर कब्जा करने के बाद भारत के साथ सभी आयात और निर्यात बंद कर दिए हैं. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) के महानिदेशक (डीजी) डॉ अजय सहाय ने एएनआई को बताया कि वर्तमान में, तालिबान ने पाकिस्तान के पारगमन मार्गों के माध्यम से कार्गो की आवाजाही रोक दी है, जिससे देश से आयात बंद हो गया है.

फियो डीजी ने बताया, “हम अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहे हैं. वहां से आयात पाकिस्तान के पारगमन मार्ग से होता है. अब तक, तालिबान ने पाकिस्तान को माल की आवाजाही रोकी हुई है, इसलिए लगभग आयात बंद हो गया है.”

भारत के अफगानिस्तान के साथ लंबे समय से संबंध हैं, खासकर व्यापार में. अफगानिस्तान में भारत का बड़ा निवेश है.

उन्होंने कहा, “वास्तव में, हम अफगानिस्तान के सबसे बड़े भागीदारों में से एक हैं और अफगानिस्तान को हमारा निर्यात 2021 के लिए लगभग 835 मिलियन अमरीकी डालर का रहा है. हमने लगभग 510 मिलियन अमरीकी डालर के सामान का आयात किया. लेकिन व्यापार के अलावा, अफगानिस्तान में हमारा एक बड़ा निवेश भी है. हमनें अफगानिस्तान में करीब तीन अरब डॉलर का निवेश किया है और अफगानिस्तान में करीब 400 परियोजनाएं हैं, जिनमें से कुछ इस समय चल रही हैं.”

उन्होंने कहा, “... कुछ सामान अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे मार्ग से निर्यात किया जाता है, जो अब ठीक है. कुछ सामान दुबई मार्ग से भी जाते हैं, जो काम कर रहा है.”

सहाय ने कहा कि अफगानिस्तान के साथ व्यापार में भारत के अच्छे संबंध हैं. वर्तमान में, भारतीय निर्यात प्रोफाइल में चीनी, फार्मास्यूटिकल्स, परिधान, चाय, कॉफी, मसाले और ट्रांसमिशन टावर शामिल हैं.

फियो डीजी ने कहा, “आयात काफी हद तक सूखे मेवों पर निर्भर हैं. हम उनसे थोड़ा सा गोंद और प्याज भी आयात करते हैं.”

अफगानिस्तान में तेजी से विकसित हो रही स्थिति के बावजूद, फियो अफगानिस्तान के साथ व्यापार संबंधों को लेकर आशान्वित और आशावादी है.

डीजी फियो ने एएनआई को बताया.

डीजी फियो ने बताया, “मुझे पूरा यकीन है कि आने वाले समय में अफगानिस्तान को यह भी एहसास होगा कि आर्थिक विकास ही आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है और वे इस तरह के व्यापार को जारी रखेंगे. मुझे लगता है कि नया शासन राजनीतिक वैधता और उसके लिए भारत की भूमिका को पसंद करेगा. उनके लिए भी महत्वपूर्ण हो जाएगा.”

फेडरेशन ऑफ इंडिया एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन ने चिंता व्यक्त की कि अफगानिस्तान में उथल-पुथल के कारण आने वाले दिनों में सूखे मेवे की कीमतें बढ़ सकती हैं. भारत करीब 85 फीसदी सूखे मेवे अफगानिस्तान से आयात करता है.

सहाय ने कहा, “मैं कहूंगा कि इससे कीमतों पर सीधे असर नहीं पड़ सकता है, लेकिन यह तथ्य कि आयात के स्रोतों में से एक अब मौजूद नहीं है, कीमतों में वृद्धि की अटकलों से इंकार नहीं किया जा सकता है.”