RBI : 2021-22 के लिए विकास दर अनुमान को घटाकर 9.5 फीसदी किया

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] • 2 Years ago
 विकास दर अनुमान को घटाकर 9.5 फीसदी किया
विकास दर अनुमान को घटाकर 9.5 फीसदी किया

 

मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने विकास अनुमान को 10.5 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है. कोरोनावायरस महामारी की दूसरी भयावह लहर और राज्यों में लॉकडाउन के बीच आरबीआई ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए विकास अनुमान को तेजी से घटाकर 18.5 प्रतिशत कर दिया है.

इस अवधि के लिए पिछला अनुमान 26.2 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 22 की दूसरी, तीसरी और चौथी तिमाही के लिए विकास अनुमान को अब क्रमश: 7.9 प्रतिशत, 7.2 प्रतिशत और 6.6 प्रतिशत पर रखा गया है. कई बैंकों और रेटिंग एजेंसियों ने लॉकडाउन के आर्थिक प्रभाव के कारण चालू वित्त वर्ष के लिए विकास अनुमान को देर से कम कर दिया है और अब दोहरे अंकों की वृद्धि की उम्मीदें बहुत महत्वाकांक्षी लगती हैं.

इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2022 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2022 की दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान विकास-उन्मुख समायोजन रुख के साथ-साथ अपनी प्रमुख अल्पकालिक उधार दरों को बरकरार रखा है.

तदनुसार, केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने वाणिज्यिक बैंकों के लिए रेपो रेट या अल्पकालिक उधार दर को 4 प्रतिशत पर बनाए रखने की सहमति दी है. इसी तरह से रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर को 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है.

व्यापक रूप से यह अपेक्षा की गई थी कि एमपीसी दरें और समायोजनात्मक रुख बनाए रखेगी. एमपीसी के फैसले के बाद अपने बयान में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी का विचार है कि अर्थव्यवस्था की विकास गति हासिल करने के लिए सभी पक्षों से नीतिगत समर्थन की आवश्यकता होगी.