आवाज-द वॉयस / नई दिल्ली
भारी अंतरराष्ट्रीय और वित्तीय दबाव के कारण पाकिस्तानी रुपया बुरी तरह गिर गया है. आतंक का समर्थन करने के कारण पाक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मकर प्रभाव पड़ा है और उस पर एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में होने के कारण खतरा बरकरार है. आईएमएफ ने कर्ज देने से साफ इनकार कर दिया है. चीन भी कर्ज के बदले मनमानी पर उतर आया है. रुपया कमजोर होने के बाद पाकिस्तान ने अब अफगान यात्रा पर वित्तीय अंकुश की घोषणा की है.
एआरवाई न्यूज ने बताया कि अंतरबैंक मुद्रा बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की गिरावट जारी रही.
पाकिस्तानी रुपया बुधवार को ग्रीनबैक के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर 173.50 रुपये पर आ गया है. कारोबारी दिन की शुरूआत में ग्रीनबैक 37 पैसे चढ़ा.
सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 172.72 रुपये पर बंद हुआ था.
विनिमय दर पर दबाव को कम करने के लिए स्टेट बैंक द्वारा शुरू किए गए कई उपायों के बावजूद अमेरिकी डॉलर की बढ़ती मांग इसके मूल्य को बढ़ा रही है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे पहले, केंद्रीय बैंक ने विनिमय कंपनियों द्वारा विदेशी मुद्रा लेनदेन में पारदर्शिता बढ़ाने और विदेशी मुद्रा के अवांछित बहिर्वाह को रोकने के लिए नियामक उपायों की शुरूआत की.
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान द्वारा साझा किए गए दिशा-निदेशरें के अनुसार, अफगानिस्तान की यात्रा करने वाले व्यक्तियों को प्रति व्यक्ति केवल 1,000 डॉलर प्रति व्यक्ति ले जाने की अनुमति होगी, जिसकी अधिकतम वार्षिक सीमा 6,000 डॉलर होगी.
एक्सचेंज कंपनियों को सभी विदेशी मुद्रा बिक्री लेनदेन के लिए 500 डॉलर और उससे अधिक और जावक प्रेषण के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन करने की आवश्यकता होगी और यह नियम 22 अक्टूबर से लागू होगा.
(एजेंसी इनपुट सहित)