नोएडा के खिलौने चीन को देंगे कड़ी टक्कर

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
खिलौने
खिलौने

 

लखनऊ. अब चीन के खिलौना उद्योग को नोएडा से कड़ी टक्कर मिलेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुसार योगी सरकार नोएडा के सेक्टर 33में टॉय पार्क का निर्माण करवाया है. इस पार्क में खिलौना बनाने की फैक्ट्री लगाने के लिए 134उद्योगपतियों ने भूखंड लिया है. यह 134उद्योगपति 410.13करोड़ रुपए का निवेश कर जल्दी ही टॉय पार्क में अपनी फैक्ट्री स्थापित करेंगे. इन खिलौना फैक्ट्रियों में 6157लोगों को स्थायी रोजगार मिलेगा.

बीते वर्ष ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलौना कारोबार में दुनिया में देश की हिस्सेदारी बढ़ाने का आहवान किया था. जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने खिलौना कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कई फैसले लिए. इसी क्रम में यूपी का पहला पहला खिलौना क्लस्टर (टॉय पार्क ) यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक प्राधिकरण क्षेत्र में विकसित करने का निर्णय लिया गया.

इसके बाद यीडा के सेक्टर 33में टॉय पार्क के लिए सौ एकड़ से अधिक जमीन खिलौना उत्पादन करने वाली इकाईयां के लिए चिन्हित की गई. इस पार्क में उद्योगपतियों को अपनी फैक्ट्री स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया गया.

यीडा के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए तैयार कराई गई इंवेस्टर फ्रेंडली नीतियों के चलते खिलौना कारोबार में कार्यरत कई बड़ी कंपनियों ने टॉय पार्क में अपनी फैक्ट्री स्थापित करने के लिए कदम बढ़ाए हैं.

अब तक 134कंपनियों को टॉय पार्क में खिलौना फैक्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई है. जमीन पाने वाली कंपनियां जल्दी ही टॉय पार्क में फैक्ट्री लगाने की कार्रवाई शुरू करेंगी.

पार्क में जमीन लेने वाली देश की प्रमुख कंपनियों में फन जू टॉयज इंडिया, फन राइड टॉयस एलएलपी, सुपर शूज, आयुष टॉय मार्केटिंग, सनलार्ड अप्पारेल्स, भारत प्लास्टिक, जय श्री कृष्णा, गणपति क्रिएशन और आरआरएस ट्रेडर्स प्रमुख हैं.

अधिकारियों का कहना है, “टॉय पार्क में प्लास्टिक और लकड़ी से बने बैटरी से चलने वाले खिलौने बनेंगे, अभी चीन में बने ऐसे खिलौने देश में छोटे बच्चे खेलते हैं. टॉय पार्क में खिलौना फैक्ट्री लगाने के लिए आगे आयी ये कंपनियां चीनी में बने खिलौनों की मार्केट को चुनौती देंगी. अभी देश में खिलौना बनाने वाली करीब चार हजार से ज्यादा इकाइयां हैं.”

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के अंतर्गत आने वाली इन इकाइयों में से 90फीसद असंगठित हैं. यही इनकी तथा देश की सबसे बड़ी कमजोरी है. जिसका संज्ञान लेते हुए ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खिलौना उद्योग को बढ़ावा दिया है.

एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2024तक भारत का खिलौना उद्योग 147-221अरब रुपये का हो जाएगा. दुनियाभर में जहां खिलौने की मांग में हर साल औसत करीब पांच फीसद का इजाफा हो रहा है, वहीं भारत की मांग में 10-15प्रतिशत का.

निर्यात की बात करें, तो सिर्फ 18-20अरब रुपये के खिलौने का निर्यात हो पाता है. भारत में जहां खिलौना निमार्ता असंगठित हैं, वहीं खिलौने की गुणवत्ता भी बड़ी चुनौती है.

एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बताया, “खिलौना उद्योग में भारत की हिस्सेदारी अभी तक नाममात्र की है. अधिकांश खिलौने चीन से आयात किये जाते हैं. यह महंगे होते हैं. इनकी गुणवत्ता भी ठीक नहीं होती है. देश में क्लस्टर में उत्पादन होने से यह सस्ते भी होंगे और गुणवत्ता में बेहतर होंगे. निवेश भी आएगा. स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजित होंगे. सरकार ने इसे बढ़ावा देने के लिए झांसी का ओडीओपी घोषित किया है.”