जॉन हॉपकिन्स समर्थित ऐप भारत में कोरोना मरीजों का करेगा मार्गदर्शन

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 24-06-2021
जॉन हॉपकिन्स समर्थित ऐप भारत में कोरोना मरीजों का करेगा मार्गदर्शन
जॉन हॉपकिन्स समर्थित ऐप भारत में कोरोना मरीजों का करेगा मार्गदर्शन

 

बेंगलुरू. भारत में डेवलपर्स की एक टीम ने मिलकर एक नए ऐप का निर्माण किया है, जो अमेरिका में स्थित जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय द्वारा समर्थित है. इसे कोविड-19 की जांच में पॉजिटिव पाए जाने के बाद अपने घर में आइसोलेशन में रहने वाले लोगों का मार्गदर्शन करने के लिए डिजाइन किया गया है.

वी पॉजिटिव स्वभाषा ऐप को बेंगलुरू की एक आईटी कंपनी वी टेक्नोलॉजीस ने बनाया है, जिसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है. वल्लियप्पा फाउंडेशन ने भी इसमें मदद दी है. ऐप में ऐसे तमाम वीडियोज हैं, जिनसे कोरोना के मरीजों को स्थानीय स्वास्थ्य सुविधा, कोविड वैक्सीन सहित कई अन्य जानकारियां मिलेंगी.

ये सभी चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा प्राप्त की गई हैं. कंपनी ने अपने एक बयान में कहा है, "बेंगलुरु और सलेम में स्थित वी टेक्नोलॉजीज के सॉफ्टवेयर डेवलपर्स की एक टीम द्वारा बनाया गया यह ऐप में जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के चिकित्सकों से ली गई जानकारियों से लैस है."

वी पॉजिटिव स्वभाषा को सोना कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी के लगभग 100 विद्यार्थियों की एक टीम से प्राप्त सुझावों से और समृद्ध बनाया गया है, जिन्होंने 1 लाख रुपये के पुरस्कार के लिए प्रतिस्पर्धा की. इस प्रतियोगिता में सेंथिल शिवरामन एस, हर्षवर्धन एसएम, रगुल पी और श्रीनिक जैन यू को ऐप बिल्डिंग और रनिंग प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए विजेता के रूप में चुना गया.

वल्लियप्पा फाउंडेशन के ट्रस्टी चोको वल्लियप्पा ने कहा, "हम होम आइसोलेशन के मामलों में अपने खुद का देखभाल करने के लिए विश्व स्तर पर स्वीकृत मानकों की जानकारी लोगों को मुहैया कराने के चलते जॉन्स हॉपकिन्स इंडिया इंस्टीट्यूट से संपर्क किया."

इस होम क्वॉरंटाइन ऐप में घर पर आइसोलेट रहने के दौरान अपना देखभाल कैसे करना है ? परिवार के अन्य सदस्यों की सुरक्षा का ख्याल कैसे रखना है ? ऑक्सीजन लेवल की जांच कैसे करनी है ? कोविड ट्रीटमेंट फ्लोचार्ट को कैसे समझा जा सकता है ? इस तरह की कई जानकारी है.

ऐप में प्रस्तुत सूचनाएं और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल केवल प्रामाणिक स्रोतों से प्राप्त किए गए हैं जैसे कि जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और साथ ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है, जबकि ऐप का आईओएस संस्करण जल्द ही लॉन्च किया जाएगा.