झारखंडः किसानों को नई पहचान देगा 'बिरसा किसान'

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 17-08-2021
झारखंडः किसानों को नई पहचान देगा 'बिरसा किसान'
झारखंडः किसानों को नई पहचान देगा 'बिरसा किसान'

 

आवाज- द वॉयस/ एजेंसी

झारखंड सरकार ने अब किसानों को नई पहचान देने की पहल प्रारंभ की है, जिससे किसानों को कृषि योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ मिल सके तथा गरीब किसान सरकारी योजनाओं से जुड़ भी सके. सरकार झारखंड के करीब 58 लाख किसानों को कृषि विभाग पारदर्शिता के साथ बिरसा किसान के रूप में पहचान देने के कार्य को मूर्त रूप देने में जुट गया है.

कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बिरसा किसान के तहत किसानों को एक यूनिक आईडी के साथ पंजीकृत किया जाएगा, जिसमें आधार कार्ड, मोबाइल और बचत खाता संख्या (डीबीटी के लिए) अनिवार्य होंगे.

किसानों का प्रज्ञा केंद्रों में ई-केवाईसी किया जाएगा, जिसमें केवल आधार संख्या वाले प्रामाणिक किसान ही पंजीकृत हो सकेंगे. उसके बाद भूमि विवरण इंटरफेस के माध्यम से राजस्व विभाग के डेटाबेस से प्राप्त किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि किसानों के लिए जारी होनेवाले विशिष्ट आईडी कार्ड में एक बारकोड होगा. विशिष्ट आईडी का उपयोग किसानों की पहचान के रूप में किया जाएगा. इस संख्या का उपयोग जिला कृषि पदाधिकारियों एवं अन्य द्वारा विभिन्न योजनाओं जैसे, बीज, कृषि उपकरण के तहत किसानों को लाभान्वित करने के लिए होगा.

बारकोड किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत दिए जाने वाले लाभों की जानकारी संग्रहित करेगा. यह जानकारी भी अलग से एक सर्वर में अपलोड और स्टोर की जाएगी.

सरकार का मानना है कि 'बिरसा किसान' से किसान की विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा सकेगा. सरकार का मानना है कि इस प्रक्रिया में बिचैलियों की भूमिका और फर्जी तरीके से लाभ उठा रहे लोगों की पहचान भी की जाएगी.

किसानों को योजना का लाभ देने से पूर्व जिला कृषि अधिकारी द्वारा जांच की जाएगी कि किसान को वर्तमान या पिछले वर्षों में योजनाओं का लाभ प्राप्त हुआ है या नहीं. इस प्रकार एक डेटाबेस किसानों का बनाया जाएगा.

यह काम चरणवार किया जाएगा. कृषि विभाग की निदेषक निषा उरांव का कहना है कि बिरसा किसान का उद्देश्य राज्य के किसानों को लाभ प्रदान करना है. राज्य के किसानों को सशक्त और उन्नत बनाने के लिए डेटाबेस बनाने के लिए जानकारी एकत्र करने पर काम कर रहा है.

उन्होंने बताया, "किसानों को सरकार द्वारा एक विशिष्ट आईडी दी जाएगी, जो हमें विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थी की पहचान करने में मदद करेगी. सरकार राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है."