जम्मू-कश्मीर मिशन यूथः डल झील में बनेंगे पांच पर्यटक गांव, 75 गांवों में  स्टे होम की सुविधा

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
जम्मू-कश्मीर मिशन यूथः डल झील में बनेंगे पांच पर्यटक गांव, 75 गांवों में  स्टे होम की सुविधा
जम्मू-कश्मीर मिशन यूथः डल झील में बनेंगे पांच पर्यटक गांव, 75 गांवों में  स्टे होम की सुविधा

 

मलिक असगर हाशमी /श्रीनगर
 
यूं तो जमीनी बेहिश्त कहे जाने वाला जम्मू कश्मीर पहले से ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है. मगर नई व्यवस्था में पर्यटकों के लिए इसे और आकर्षित करने और तमाम तरह की सुविधाएं मुहैया कराने की योजना तैयार की जा रही है. इसके अंतर्गत कश्मीर के 75 गांवों का चयन कर न केवल उसमें पर्यटकों के लिए स्टे होम का इंतजाम किया जाएगा, बल्कि डल झील में 5 पर्यटक गांव भी विकसित करने की भी सरकार की योजना है.

इससे पर्यटकों को तमाम तरह की सुविधाएं तो मिलेंगे ही रोजी-रोजगार के नए दरवाजे भी खुलेंगे. उद्यमपुर के एक गांव में इस तरह का एक प्रयोग कामयाब होने के बाद इसकी शुरुआत की की जा रही है. 
 
 
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मिशन यूथ की पहल के तहत 75 पर्यटक गांव विकास करने की योजना है.इसका उद्देश्य प्राकृतिक सुंदरता, साहसिक इलाके, कला और संस्कृति, इतिहास और पुरातत्व के महत्व को नए सिरे से दुनिया के सामने लाना है.
 
पर्यटन विभाग का कहना है कि यूं तो पहले से यहां पर्यटकों की भारी संख्या जुट रही है, नई योजना के सिरे चढ़ने से इसमें जबरदस्त गति आएगी. मिशन यूथ अधिकारी के अनुसार, कार्यक्रम का व्यापक उद्देश्य नए पर्यटन स्थलों को विकसित करना है.
 
इसके लिए ऐसे गांव चुने जाने हैं जहां पर्यटक आवश्यक बुनियादी सुविधाओं के साथ सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विशेषताओं का लुत्फ उठा सकें. इसके लिए उनपर ज्यादा आर्थिक बोझ न उठाना पड़े.
 
इन गांवों में स्थानीय आतिथ्य के अलावा साहसिक और खेल सुविधाओं को बढ़ावा दिया जाएगा. बजट आवास का निर्माण कराया जाएगा. पर्यटक परिसर विकसित किए जाएंगे. रास्ते बेहतर किए जाएंगे. इन गांवों में पर्यटक सुविधा केंद्र, विशेष पर्यटन परियोजनाएं, ध्वनि और प्रकाश मनोरंजन सुविधाओं के अलावा पर्यावरण अनुकूल परिवहन सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी.

परियोजना के तहत आने वाले गांवों का चयन उनकी ग्रामीण पर्यटन क्षमता के आधार पर पर्यटन विभाग के परामर्श से मिशन युवा की विशेषज्ञ समिति द्वारा किया जा रहा है.
 
इस योजना का ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार सृजन के दोहरे लाभ हैं. बैंकिंग पार्टनर मिशन यूथ के तहत 8.50 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता देगी.
 
योजना के तहत विशेष अग्रिम प्रोत्साहन (सब्सिडी) के रूप में 1.5 लाख रुपये या परियोजना लागत का 15 प्रतिशत (जो भी न्यूनतम हो) प्रदान किया जाएगा. 
 
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शर्त यह है कि लाभार्थी बेरोजगार होना चाहिए और संबंधित जिला रोजगार और परामर्श केंद्र के साथ पंजीकृत होना चाहिए.यह पहल पूरे केंद्र शासित प्रदेश में होम स्टे को बढ़ावा देने के लिए है.
 
इससे  ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, युवाओं को उद्यमियों में बदलने के अलावा महिलाओं को रोजगार के कई अवसर प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाया जाएगा.
 
मिशन यूथ के माध्यम से जम्मू-कश्मीर प्रशासन पहनले ही पर्यटन को बढ़ावा और युवाओं को स्थायी रोजगार देकर केंद्र शासित प्रदेश के 75 से अधिक गांवों को फिर से जीवंत और बदलने का कार्य शुरू किया है.
 
सरकार ने मिशन यूथ के तहत आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के मद्देनजर 75 गांवों को  नया रूप देने की दिशा में काम शुरू कर दिया है. कश्मीर अपनी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, सुरम्य परिदृश्य और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है.
 
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उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का कहना है कि प्रशासन प्रत्येक गांव की विशिष्टता को पहचानेगा और परिदृश्य का प्रदर्शन करेगा. स्वदेशी ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देगा और इन गांवों की सांस्कृतिक विविधता और विरासत को बढ़ावा देगा.
 
उनके मुताबिक,“ फिल्म शूटिंग उद्देश्यों के लिए जम्मू-कश्मीर की क्षमता को ध्यान में रखते हुए भी यह पहल शुरू की गई है. इस पहल का उद्देश्य फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देना और गांवों को उनके सतत विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है. ”
 
एलजी ने कहा कि “सभी गांव जो पहल का हिस्सा बनेंगे, उन्हें भी डिजिटल फुटप्रिंट प्रदान किया जाएगा. इस कदम का उद्देश्य विभिन्न पृष्ठभूमि के युवाओं को अधिकतम रोजगार के अवसर प्रदान करना और उन नीतियों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना है जिनका उनके जीवन पर प्रभाव पड़ता है.
 
अधिकारियों के अनुसार, टूरिस्ट विलेज नेटवर्क की पहल में केंद्र शासित प्रदेश के विविध भौगोलिक और सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को संगठित करने की क्षमता और प्रवृत्ति है.
 
एक पर्यटन अधिकारी ने बताया, “जम्मू-कश्मीर में ऐसे कई क्षेत्र हैं जो अधिक पर्यटन क्षमता होने के बावजूद ढांचागत बाधाओं के कारण अपेक्षित ध्यान आकर्षित करने में सक्षम नहीं हैं.
 
पर्यटन के बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में पिछड़ने वाले गंतव्य, पर्यटकों के लिए आवास सुविधाओं के साधन के रूप में होम स्टे की शुरुआत करके डाउनसाइड्स को दूर कर सकते हैं, जिसमें भारी निवेश की आवश्यकता नहीं होती है.
 
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सरकार ने उधमपुर जिले के एक गांव पंचारी को होम स्टे के साथ पहले पर्यटक गांव के रूप में मंत्रमुग्ध करने वाले गांव के रूप में लॉन्च करके यूटी में होम स्टे पर्यटन को बढ़ावा देने का आंदोलन शुरू किया.
 
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इस बीच, सरकार ने श्रीनगर में डल झील के भीतर 5 पर्यटक गांवों को विकसित करने का फैसला किया है जिसमें कचहरी मोहल्ला, सोफी मोहल्ला, टिंडा मोहल्ला, अखून मोहल्ला और सब्जी बाजार शामिल हैं.
 
इन गांवों में निवासियों के साथ पर्यटकों और स्थानीय आगंतुकों के लिए सभी बुनियादी सुविधाएं होंगी. ये गांव पर्यटकों को होम स्टे की सुविधा भी प्रदान करेंगे.
 
(तस्वीरें जम्मू कश्मीर पर्यटन विभाग के सौजन्य से)