भारतीय स्टार्टअप्स को केन्द्रीय बजट से करों में छूट की अपेक्षा

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] • 2 Years ago
केन्द्रीय बजट
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निशांत अरोड़ा / नई दिल्ली

देश के उभरते स्टार्टअप्स का कहना है कि केन्द्र सरकार को वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में छोटे कारोबारियों को और सहायता देकर उद्यमियों को सशक्त बनाने के कदम उठाने के अलावा अतिरिक्त स्टार्टअप्स अनुकूल नीतियों तथा कर रियायतों को बढ़ावा देना चाहिए.

इसके अलावा नवाचारों में अधिक खर्च, कारोबार करने में आसानी तथा अन्य लागतों में कमी की भी अपेक्षा सरकार से की गई है. इन्होंने जोर देते हुए कहा है कि नए सुधारों, नीतिगत सहायता और वित्तीय क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में कदम उठाने की तकनीकी नीति से अर्थव्यवस्थ्या को निश्चित तौर पर लाभ होगा.

रेजरपे के सीईओ और सह-संस्थापक हर्षिल माथुर ने कहा हमने पिछले एक साल में डिजिटल भुगतान को अपनाने में लोगों में जोरदार रूझान देखा है. मुझे उम्मीद है कि आगामी बजट में, सरकार शून्य मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर)नीति के विकल्पों के बारे में सोचेगी.

ऐसा करने से ई-भुगतान को बढ़ावा देने और कारोबार में डिजिटल प्रक्रिया को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले बजट में देश में डिजिटल भुगतान के विकास को और तेज करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये के प्रावधान की घोषणा की थी.

माथुर ने कहा कि सरकार के लिए स्टार्टअप्स के लिए अधिक कोष(एफएफएस) में योगदान को बढ़ावा देना और भी वांछनीय होगा. उन्होंने कहा, आसान तरीके से ऋण वितरण, कर अनुपालन , आनलाइन अनुमोदन, और डिजिटल बैंकिंग को अपनाने के लिए प्रोत्साहन भी स्वागत योग्य बदलाव होंगे .

इस तरह की पहल एमएसएमई के विकास में योगदान कर सकती है. सरकार ने स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के लिए पिछले साल स्टार्टअप्स के लिए टैक्स हॉलिडे क्लेम करने की पात्रता को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दिया था.

इसके अलावा सरकार ने फंडिंग को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स में निवेश के लिए पूंजीगत लाभ छूट को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 कर दिया था.

पिछले एक साल में देश में कई स्टार्टअप्स ने अपने कर्मचारियों को कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना (ईएसओपी) खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया है. माथुर ने कहा, इस विकल्प का प्रयोग करते समय कर भुगतान को टालना और कुछ ईएसओपी प्राप्तियों के लिए कर माफ करना भी नए बजट में एक सराहनीय बदलाव होगा.

खाताबुक के सीईओ और सह-संस्थापक रवीश नरेश के अनुसार, वह सरकार से एक प्रगतिशील बजट की उम्मीद कर रहे हैं जो भारत में स्वदेशी स्टार्टअप को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र की समस्याओं को हल करने पर विशेष रूप से केन्द्रित हो .

नरेश ने आईएएनएस से कहा, नए सुधार, नीतिगत सहायता और प्रौद्योगिकी के माध्यम से अधूरी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के एक केंद्रित ²ष्टिकोण से अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा.

उन्होंने कहा, इसके अलावा, देश में डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने का सरकार का निरंतर प्रयास वित्त वर्ष 2022-23 में डिजिटल पहुंच में समानता की दिशा में प्रगति सुनिश्चित करेगा.

पिछले बजट में सरकार ने कहा था कि वह गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक (गिफ्ट) शहर में एक विश्व स्तरीय फिनटेक हब स्थापित करने की सुविधा प्रदान करेगी.

सरकार ने अस्थायी तौर पर काम करने वाले गिग श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में मदद करने की दिशा में प्रासंगिक जानकारी एकत्र करने के लिए एक पोर्टल का भी प्रस्ताव रखा था.

सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो के संस्थापक और सीईओ विदित आत्रे ने कहा कि ऑनलाइन वितरण के लिए ऑफलाइन एमएसएमई को बढ़ावा देना भी एक महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर हो सकता है.

आत्रे ने आईएएनएस से कहा, हम चाहते हैं कि सरकार उन नीतियों पर ध्यान केंद्रित करे जो 40 लाख रुपये से कम टर्नओवर वाले ऑफलाइन और ऑनलाइन कारोबािरयों के लिए समान अवसर पैदा करें.

उन्होंने कहा, ऑनलाइन विक्रेताओं के लिए जीएसटी अनुपालन आवश्यकताओं को सरल बनाने से लाखों छोटे व्यवसाय भी ई-कॉमर्स की क्षमता का लाभ उठा सकेंगे और भारत की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था में योगदान कर सकेंगे.

इसके अलावा, स्टार्टअप्स को उम्मीद है कि सरकार नीतियों और बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से लॉजिस्टिक्स और कोल्ड चेन के क्षेत्र में पूंजी निर्माण को प्रोत्साहित करेगी.

जिप इलेक्ट्रिक के सह-संस्थापक और सीईओ आकाश गुप्ता ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार स्थानीय इलैक्ट्रिक वाहन निर्माण को प्रोत्साहित करने, आसान वित्त की सुविधा और एक नवीन ईवी अनुकूल तंत्र बनाने के लिए नई पहल की घोषणा करेगी.

गुप्ता ने आईएएनएस से कहा हम सरकार से ईवी खरीद और किराये पर जीएसटी को 5 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी करने का आग्रह करते हैं. जीएसटी कम होने से उपभोक्ता आसानी से ईवी को अपनाने के लिए प्रेरित हो सकेंगे.

नैसकॉम-जिनोव की एक रिपोर्ट में पिछले सप्ताह कहा गया था कि भारतीय स्टार्टअप्स ने 2021 में रिकॉर्ड 24.1 बिलियन डॉलर जुटाए जो कोविड महामारी से पहले की तुलना में दो गुना वृद्धि है, जबकि 11 स्टार्टअप आईपीओ के साथ बाजारों से 6 अरब डॉलर जुटाए गए थे.

देश में 2021 में 2,250 से अधिक स्टार्टअप्स अस्तित्व में आए थे और इनमें लगातार वृद्धि देखी जा रही है जो 2020 की तुलना में 600 अधिक है.